Saturday, February 29, 2020

अन्यथा शरणम नास्ति


अन्यथा शरणम नास्ति त्वमेव शरणम् मम
ह्दयम समर्पयामि प्राणं समर्पयामि
तव पाद पदमि माता सर्व समर्पयामि
अन्यथा शरणम

त्वमेव साक्षात् हरी प्रिय त्वमेव माँ वागेश्वरी
महादुर्गा महाकाली महामाया महेश्वरी
भाग्यम समर्पयामि कर्मम समर्पयामि
तव पाद पदमि माता सर्व समर्पयामि
अन्यथा शरणम

स्वय साध्य स्वय सिद्धि स्वय सिद्धा स्वय प्रभा
सुगुण रत्न सुकृत कृता सुमति गंगा समोज्व्ला
मानं समर्पयामि गानं समर्पयामि
तव पाद पदमि माता सर्व समर्पयामि
अन्यथा शरणम

अनिर वचनीय आनंदी सुखकरनी दुःख हारिणी
योग संस्थापनार्थय अविरल विश्व विहारिणी
संगम समर्पयामि पुण्यं समर्पयामि
तव पाद पदमि माता सर्व समर्पयामि
अन्यथा शरणम

तिमिरा वृता दिशाहिना आत्मस्य पाप नाशिनी
बहुजन हिताय वाणी तव् शाश्वत सत्य प्रकाशिनी
आद्यम समर्पयामि अन्तम समर्पयामि
तव पाद पदमि माता सर्व समर्पयामि
अन्यथा शरणम




                                                              जय श्री माताजी

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