Saturday, February 29, 2020

वो जो सामने सहमे से बेठे हे


वो जो सामने सहमे से बेठे हे
दोनों जहाँ को समेटे बेठे हे
वो जो सामने

हर जर्रा कोहिनूर नज़र आता हे
वो हर सु समाये जो बेठे हे
वो जो सामने

क्यों ढूढता उन्हें इधर उधर
तेरे दिल में समाये जो बेठे हे
वो जो सामने

जो साथ नहीं दिरिफ्त हे तारीफी में
माँ अंजुम भी हुजूरी में आ बेठे हे
वो जो सामने

क्या नशा हे केसा हे ये जाने खुमा
जाने क्या क्या वो हमको दिलाये बेठे हे
वो जो सामने सहमे से बेठे हे

ये अजूबा नहीं वो हे ही ऐसी पारस
पत्थरों को भी सोना बनाये बेठे हे
वो जो सामने सहमे से बेठे हे

जाना जन्नत मुल्तवी कर दिया बेलोस
वो महफ़िल यही पे जमाये बेठे हे
वो जो सामने सहमे से बेठे हे
                                                                 जय श्री माताजी 




No comments:

Post a Comment

सहजी हमे बनाया - सिंपल शर्मा

सहजी हमे बनाया , ये करम नहीं तो क्या हे मेरा मर्तबा बढाया , ये करम नहीं तो क्या हे सहजी हमे बनाया मे गमो की धुप में जब तेरा नाम लेके न...