Saturday, February 29, 2020

झिलमिल बिंदिया का माथे पे


झिलमिल बिंदिया का माथे पे तारा निर्मल नैनो में स्नेह की धारा
शशि मुख पे स्मित रेखा रूप ऐसा नहीं देखा
सर्व सुहागन मिलकर आओ माताजी की पूजा रचाओ
शीश झुकाव शुभ आशीष पाओ
झिलमिल बिंदिया का

सतरंगी साड़ियो का घेरा बना के माँ को सजाओ री छुप के छुपाके
माता रानी पे दृष्टी बुरी पड़े न किसी बेरो की सखी लो री बलाए लो मैय्या के शुभ पेरो की
सतरंगी साड़ियो का घेरा बना के माँ को सजाओ री छुप के छुपाके
तेरी जय हो तेरी जय हो निर्मल माता तेरी जय हो
कुमकुम लाओ सिंदूर लाओ पंचामृत से चरण धुलाओ
शीश झुकाव शुभ आशीष पाओ
झिलमिल बिंदिया का

ओ री ओ झूठी लागे हर उपमा, अभिनव श्रंगार किये नैनो में प्यार लिए देवी सी लागे माँ
अभिनव श्रंगार किये नैनो में प्यार लिए देवी सी लागे माँ
जय हो जय ओ मेरी निर्मल माँ
मंगल गाओ पट हटाओ मैय्या के दर्शन सबको कराओ
शीश झुकाव शुभ आशीष पाओ
झिलमिल बिंदिया का

ममतामयी हे मेरी माता करुणामयी हे मेरी माता माता से स्नेह का नाता..........2
जय हो ............जय हो ..........जय हो ....... तेरी जय हो .....................
सर्व सुहागन मिलकर आओ माताजी की पूजा रचाओ
शीश झुकाव शुभ आशीष पाओ
झिलमिल बिंदिया का

                                                               जय श्री माताजी 






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