Tuesday, March 31, 2020

सहजी हमे बनाया - सिंपल शर्मा


सहजी हमे बनाया , ये करम नहीं तो क्या हे
मेरा मर्तबा बढाया , ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया

मे गमो की धुप में जब तेरा नाम लेके निकला
किया रहमतो का साया, ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया

कभी मौत के भंवर में और कभी कभी कदम पे
मेरी नाव को बचाया, ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया

मेरे जिंदगी के दामन पे बरस पड़ी बहारे
माँ तेरे प्यार ने हसाया, ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया

मेरे वक्त - ए - मुसीबत में , मेरे दिल में उतर करके
मेरे दिल को दिल बनाया, ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया

में भटक  के रह गया था, कंही और बह गया था
मुझे रास्ता दिखाया , ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया
                                                                  जय श्री माताजी 

  

Monday, March 30, 2020

पहन के चोला लाल श्री माँ - सिंपल शर्मा


लाली मेरी मात की, जित देखू उत लाल
लाली देखण में गई, ते में आप भी हो गयी लाल

पहन के चोला लाल, श्री माँ जी मेरे घर आये
मेरे घर आये मेरे घर आये,
पहन के चोला लाल

आज हमने निर्मल माँ की ज्योत जगाई
आई हे माँ निर्मल अंखिया बिछाई हे ....................अंखिया बिछाई हे
ओढ चुनरिया लाल श्री माँ जी मेरे घर आये
मेरे घर आये मेरे घर आये

हाथो में प्यारी प्यारी चुडिया पहनाई हे
माथे पे प्यारी प्यारी बिंदिया सजाई हे.....................बिंदिया सजाई हे
होके शेरो पे सवार श्री माँ जी मेरे घर आये
मेरे घर आये मेरे घर आये

पेरो में प्यारी प्यारी झांझर पहनाई हे
बिछुए पहनाये और मेहँदी लगाईं हे ....................... मेहँदी लगाईं हे
कर के सोलह श्रंगार श्री माँ जी मेरे घर आये
मेरे घर आये मेरे घर आये

माँ की चुनरी का क्या करू वर्णन , माँ ने डूबे हुओ को तारा हे
लोग ये चाँद जिसे कहते हे, माँ की चुनरी का एक सितारा हे

हर सहजी में निर्मल समाई हे
निर्मल माँ में सारी सृष्टी रचाई हे ............................ सृष्टी रचाई हे
सब सहजी हो गए पार, श्री माँ जी मेरे घर आये
मेरे घर आये मेरे घर आये
                                                               जय श्री माताजी 





निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये - रविन्द्र जैन , हेमलता जी

सुबह का भूला ओ ओ  सुबह का भुला जो
शाम को लोटे तो भुला ना कहलाये
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये
भटका हे तू ओ ओ भटका हे तू पापी नहीं हे, माँ ततो यही समझाए
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये


मन से भुला दे मान अपमान, गत जीवन का मत कर ध्यान 
अंतर तेरा गुण रत्नों की खान, कर ले तू अपनी पहचान
सहज का हो ओ ओ सहज का हो 
जब उजियारा तो हर अँधियारा मिट जाए
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये 

तुझमे तेरी जो संपत छुपी, उसपे कभी न दृष्टी पड़ी
सब कुछ स्वयं से पायेगा तू, अन्तर्मुखी यदि हो दो घडी
अपनी खोज में ओ ओ अपनी खोज में 
जो निकले वो, अपनी मंजिल पाए 
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये 

माँ निर्मला अशरण की शरण, तारण हार हे उनके चरण 
कुण्डलिनी का जो होगा मिलन, होगा भविष्य का शुद्धिकरण 
माँ की शक्ति से ओ ओ  माँ की शक्ति से
सच्ची भक्ति से, क्यों न लाभ उठाये 
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये 

बच्चो का हर दुःख माता सहे, हस्ती रहे और कुछ ना कहे 
उसके स्नेह्हिल नैनों से, ममता की गंगा जमुना बहे
वरदानो के ओ ओ वरदानो के 
मोती मैय्या दोनों हाथ लुटाये 
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये 
सुबह का भूला
                                                             जय श्री माताजी 




मुझे रास आ गया हे - सिंपल शर्मा


मुझे रास आ गया हे तेरे दर सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया

मुझे इसका ग़म नहीं हे, के बदल गया ज़माना
मेरी जिंदगी के मालिक, कंही तुम बदल ना जाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया

माना के में बुरा हु,  नहीं दीद के हु काबिल
सर रख दिया हे दर पे, आता नहीं उठाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया

मेरी आरजू हे निकले, मेरा दम तुम्हारे आगे
मेरी सांस चल रही हे, कही तुम चले ना जाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया

तेरी बंदगी से पहले, मुझे कौन जनता था
दुनिया हे तेरे दम से, तेरे दम से हे जमाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया
                                                            जय श्री माताजी 


मेरा आपकी कृपा से - सिंपल शर्मा


मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा हे
करते हो आप श्री माँ , मेरा नाम हो रहा हे
मेरा आपकी कृपा से

पतवार के बिना ही मेरी नाव चल रही हे
हैरान हे ज़माना, मंजिल भी मिल रही हे
करता नहीं में कुछ भी, सब काम हो रहा हे
करते हो आप श्री माँ , मेरा नाम हो रहा हे
मेरा आपकी कृपा से

तुम साथ हो तो मेरे किस चीज की कमी हे
किसी और चिज की अब दरकार भी नहीं हे
तेरा साथ हे गुलाम अब, गुलफाम हो रहा हे
करते हो आप श्री माँ , मेरा नाम हो रहा हे
मेरा आपकी कृपा से

में तो नहीं हु कामिल, तेरा पार केसे पाऊ
मीठी नहीं हे वाणी, गुणगान केसे गाऊ
तेरी दया से निर्मल, ये कमाल हो रहा हे
करते हो आप श्री माँ , मेरा नाम हो रहा हे
मेरा आपकी कृपा से
                                                                  जय श्री माताजी 


Sunday, March 29, 2020

तुमरे द्वारे आन पड़ी हु - Rajiv Bagadthey


माताजी महाराजा जी , तोहे  तोरे सहजन की लाज
अपना करके राखियो, तू न कर बेगाना आज

तुमरे द्वारे आन पड़ी हु , सहजन के माहराज
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज
तुमरे द्वारे आन

हे निर्मल सुरतिया वाले, मोरी बात बनत तोरा क्या जावत
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज

पलकन वारु लागू  पैय्या, छोड़ ना माता थाम के बैय्या
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज

मोरी बीत ना जाए उमरिया, मोरी रंग दो मेली चुनरिया
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज
तुमरे द्वारे आन पड़ी हु , सहजन के माहराज

एक नजरिया कर दो प्रेम की, सबके बन जाए काम
तुम सहजन के माता तुम्हरा बड़ा जगत में नाम
नगर नगर में चर्चा तौर, नगर नगर तौर राज
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज

तडपत हु दर्शन को तोरे, जी को नाही चैन 
माता मोरे दरश दिखाओ, तरस गए मोरे नैन
कदमो में तोरे आन गिरी हु, पत रखियो मोरी आज 
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज

हर झोली भरपूर भरो, हर इक के भाग जगाओ
सबका शिव से मिलन कराओ, सबको पार लगाओ
तुम माता तुम आदिमाता, तोरे सर पर ताज
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज

तुम माटी को जो देखो तो माटी सोना होए
जेसे जगत में तुम हो माता, ऐसा मिला ना कोई
जबसे तोरे संग लगी मोरे, बिगड़े बन गए काज
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज
तुमरे द्वारे आन पड़ी हु , सहजन के माहराज
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज
                                                     जय श्री माताजी 








जिक्र निर्मल तेरा पाक निर्मल हे तू

यंहा नहीं हे वंहा नहीं हे, क्या हर इक शय से अय्याँ नहीं हे
खुदा कहा हे ये पूछते हो, भला बताओ तो कहा नहीं हे

बना के खुद को बन्दा, तुझको सजदा कर लिए मेने
अब महंगा हो के सस्ता हो, ये सौदा कर लिए मेने
किसी भी दर पे झुकने की नौबत नहीं आती
निर्मला पाक पर जब से भरोसा कर लिया मेने

जिक्र निर्मल तेरा पाक निर्मल हे तू,
कोई तुझसा नहीं सबसे बढ़कर हे तू
निर्मला निर्मला मेरी माँ निर्मला
निर्मला निर्मला निर्मला निर्मला

लफ्ज उनसे बनाए जमी ताफ़लक
तेरे मोहताज हे जिन्न बशर और मलक
हर नज़ारे में पाकीज जी की झलक
नूर फैला हुआ हे तेरा चारो शु , अल्लाह हु वाद हु या शरीक अल्लाह हु
अल्लाहु हु, अल्लाहु हु , अल्लाहु हु
जिक्र निर्मल तेरा

जिस्म दिल को दिया दिल को धड़कन भी दी
देके आँखे मुझे रौशनी  बक्श दी
पैदा करने से पहले दिया रिजक भी
सबका राजिक हे मालिक हे पालिक हे तू
अल्लाह हु वाद हु या शरीक अल्लाह हु
अल्लाहु हु, अल्लाहु हु , अल्लाहु हु
जिक्र निर्मल तेरा

सबसे बढ़कर याही नाम हे या खुदा
निर्मला माँ की उन्मत में पैदा किया
शुक्र तेरा करे केसे हम सब बता
हम हे बन्दे तेरे और माता हे तू
निर्मला निर्मला मेरी माँ निर्मला
निर्मला निर्मला निर्मला निर्मला
जिक्र निर्मल तेरा

                                               जय श्री माताजी 




जय श्री माताजी सबसे कहिये - सिंपल शर्मा


जय श्री माताजी सबसे कहिये , जिस विधि राखे माँ उस विधि रहिये
जय श्री माताजी सबसे कहिये

जिस विधि ऋषि मुनि माँ को जपते, उसी विधि निर्मल सुमिरन करिए
जय श्री माताजी सबसे कहिये

जिस विधि देवता ध्यान हे धरते, उसी विधि निर्मल ध्यान करिए
जय श्री माताजी सबसे कहिये

अघम अगोचर निर्मल माँ को, हर पल हर घडी चित्त में रखिये
जय श्री माताजी सबसे कहिये

मोक्ष मिलेगा निर्मल माँ से, हाथ जोड़कर वंदन करिए
जय श्री माताजी सबसे कहिये

                                                                जय श्री माताजी 


तू है ईश्वर तू परमेश्वर - दिनेश निम्बालकर


तू है ईश्वर तू परमेश्वर
हे परमानंद माँ
तू है ईश्वर

तू श्री गणेशा हे तू ब्रह्मांड,  तू करुणामय तू निर्गुण
हे परमानंद माँ
तू है ईश्वर

तू जगतारक तू भवतारक, विघन विनाशक सिद्धि विनायक
हे परमानंद माँ
तू है ईश्वर


तू हे भवानी भव भय हारिणी, मोक्ष प्रदायिनी सहस्त्रार स्वामिनी
हे परमानंद माँ
तू है ईश्वर

                                                                   जय श्री माताजी 


तुम बिन कौन माँ जी हमारा - दिनेश निम्बालकर


तुम बिन कौन माँ जी  हमारा
श्री निर्मल माँ दे दे सहारा
तुम बिन कौन

कौन भला क्या किसको देगा
अन्धकार में जग सारा, श्री निर्मल माँ दे दे सहारा
तुम बिन कौन

युग युग बीते सदिया बीती
बस तेरा ही नाम पुकारा, श्री निर्मल माँ दे दे सहारा
तुम बिन कौन

जब जब दुनिया रस्ता रोके
तब तूने माँ पार उतारा, श्री निर्मल माँ दे दे सहारा
तुम बिन कौन

                                        जय श्री माताजी 


प्रथम ध्यान धरु - दिनेश निम्बालकर

प्रथम ध्यान धरु तिहारो .........................................२
फिर जगत के सगरे काम
प्रथम ध्यान धरु

चरण कमल पर वारी जाऊं
तेरे चरण तीरथ चारो धाम
प्रथम ध्यान धरु

निर्मल निर्मल नाम जपु में ....................................2
माँ की महिमा को तू भी जान
प्रथम ध्यान धरु

सब धन से ऊंचा निर्मल धन हे
सहज योग में डूब के तू भी जान
प्रथम ध्यान धरु

निर्मल नाम हे प्रेम का सागर
तू भी प्रेम से नाता बाँध
प्रथम ध्यान धरु
                                                                       जय श्री माताजी 


सहजी हमे बनाया - सिंपल शर्मा

सहजी हमे बनाया , ये करम नहीं तो क्या हे मेरा मर्तबा बढाया , ये करम नहीं तो क्या हे सहजी हमे बनाया मे गमो की धुप में जब तेरा नाम लेके न...