हे माँ दे भक्ति का दान, दे भक्ति का दान
तेरा प्रेम ही वेद पुराणों का ज्ञान, वेड पुराणों का ज्ञान
हे माँ दे भक्ति का दान
सब की थी जो अभिलाशाये, कर दी पूरी वही धाराए
चरणों में तेरे शीश नवाकर, हदय से फूटी प्रार्थनाये
ब्रह्मांड की हे तू ही जननी, स्नेहमयी तू अनुपमा
हे माँ दे भक्ति का दान
पूजा तेरी देती अमृत, इस धरती पर सब लोको में
तेरी इच्छा से हे बहता मधुरस बच्चो में पुष्पों में
तेरी कृपा से हे ये अम्बर, धरती बनी हे तुझ से माँ
हे माँ दे भक्ति का दान
क्षमाशील तू हे वो झरना, ज्ञान की देवी माँ तू करुणा
आदि अनादी तू ही भवानी, सहज दायिनी तू निर्मल माँ
मोक्ष हे मिलता तव चरणन में, करके केवल प्रार्थना
हे माँ दे भक्ति का दान
जय श्री माताजी
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