आया शुभ दिन हे आया, कैसा मंगल है छाया
जय हो गजानन तेरी, जय हो चतुरानन तेरी
आया शुभ दिन हे आया
आदिशक्ति की आँखों के तारे हो तुम, तीनो लोको के देवो से न्यारे हो तुम
होके मूषक सवार, बेठे गौरी के द्वार, तेरी कृपा बिना कोई होता ना पार
डम डम डम डमरु बाजे, शिवजी के सब गण नाचे
जय हो गजानन तेरी, जय हो चतुरानन तेरी
आया शुभ दिन हे आया
जय हो निर्मल गणेश, देना बुद्धि विवेक, कर दो पावन हमें रिद्धि सिद्धि पति
निर्मल माँ के चरणों में रहे मेरा मन, ऐसा वरदान देना गणाधिपति
सब मिलकर मंगल गाओ, मोदक के थाल सजाओ
जय हो गजानन तेरी, जय हो चतुरानन तेरी
आया शुभ दिन हे आया
मूलाधार पे पावन बनाना हमें, निर्मल ज्ञान सहज का सिखाना हमें
जीजस बनके क्षमा तू सिखाना हमें, अपने जैसा चतुर ही बनाना हमें
सारे चक्रों पे आओ, कुण्डलिनी पार उठाओ
जय हो गजानन तेरी, जय हो चतुरानन तेरी
आया शुभ दिन हे आया
तेरी क्षमा मिमी तेरा आँचल मिल गया, ऐसा लागे माँ सारा जंहा मिल गया
मेरे सुने हदय का कमल खिल गया, तेरे उपकार से साक्षात्कार से
गणपति हे लाल तुम्हारे हम सबके भी हे प्यारे
जय हो गजानन तेरी, जय हो चतुरानन तेरी
आया शुभ दिन हे आया
जय श्री माताजी
No comments:
Post a Comment