तू ही सबकी पालनहारी, ओ जगत की माँ
निर्मल माँ निर्मल माँ
तेरी शरण मे जो भी आया ज्ञान का सागर उसने पाया
तेरी दुआ की कृपा हो जिस पर ह्दय का द्वीप उसने जगाया
तेरी अदा है सबसे न्यारी, ओ जगत की माँ
निर्मल माँ निर्मल माँ
तेरे रूप और रंग अनेक, तू है सबकी दाता
जीवन तूने सबको दिया है, तू है सबकी माता
तू है हमको सबसे प्यारी, ओ जगत की माँ
निर्मल माँ निर्मल माँ
तू है माया ओर महामाया कोई तुझको समझ ना पाया
तेरी महिमा तू ही जाने, दर पे जो आया वही राह पाया
तेरी यारी सभी से न्यारी, ओ जगत की माँ
निर्मल माँ निर्मल माँ
जय श्री माताजी
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