प्यार भरे ये दो निर्मल नैन, जिनसे मिला ये अमृतमय चैन
कोई जानेना इस प्यार की गहराई, इन आँखों की गहराई
प्यार भरे ये दो निर्मल नैन
झील कहो पर उसका भी हे तल, जिनके आगे सागर भी ओझल
सूर्य प्रकाश भी हो जाये ओझल, तुलना से भी ऊपर उठ गया इन नैनो का स्तर
प्यार भरे ये दो निर्मल नैन
जैसे सरिता सागर में जाये घुल, निर्मल मंगलता में गये हम धुल
भुत भविष्य की चिंता गए हम भूल, सुगंधमय इस चेतना से निखरे हे ये फुल
प्यार भरे ये दो निर्मल नैन
आंसू झर झर बह निकले, अनुकम्पा जब जाती घटा बन
औं लो उन नैनो से कभी, हितकारी मीठे सच्चे खरे बैन
जीवन का सब सत्व हे इनमे, खुद को कर दो पूर्ण समर्पण
सब कुछ लुटा दो पाने का ये आँखों का अनमोल रतन
प्यार भरे ये दो निर्मल नैन
जय श्री माताजी
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