ओ चली सहज की नैय्या ...................................2
ओ मैय्या पार करा दो, पार करा दो
ओ चली सहज की नैय्या
चले सहजी दर तेरे मैया, ओ मैया पार करा दो, पार करा दो
तुम बिन कोई मेरा ना दुजा ए श्री निर्मल माँ
देख लिया ये सब जग झूठा ए श्री निर्मल माँ
ज्ञान ध्यान की पूंजी दिया अब , जीवन सफल करा दो
ओ चली सहज की नैय्या
कण कण में माँ तू हे समाई, तू हे आदिशक्ति
तेरा दिया हे सब कुछ हमको तू हे महाशक्ति
अपने निर्मल वाणी से माँ, प्रेम का दीप जगा दो
ओ चली सहज की नैय्या
दिन दुखियो को, गम के भंवर से तूने पार उतारा
भटक रहे थे झूठे जग में तूने दिया सहारा
सहजी आये दर पर तेरे , अब तो दरस दिखा दो
ओ चली सहज की नैय्या
चले सहजी दर तेरे मैया, ओ मैया पार करा दो, पार करा दो
जय श्री माताजी
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