प्रथम ध्यान धरु तिहारो .........................................२
फिर जगत के सगरे काम
प्रथम ध्यान धरु
चरण कमल पर वारी जाऊं
तेरे चरण तीरथ चारो धाम
प्रथम ध्यान धरु
निर्मल निर्मल नाम जपु में ....................................2
माँ की महिमा को तू भी जान
प्रथम ध्यान धरु
सब धन से ऊंचा निर्मल धन हे
सहज योग में डूब के तू भी जान
प्रथम ध्यान धरु
निर्मल नाम हे प्रेम का सागर
तू भी प्रेम से नाता बाँध
प्रथम ध्यान धरु
जय श्री माताजी
फिर जगत के सगरे काम
प्रथम ध्यान धरु
चरण कमल पर वारी जाऊं
तेरे चरण तीरथ चारो धाम
प्रथम ध्यान धरु
निर्मल निर्मल नाम जपु में ....................................2
माँ की महिमा को तू भी जान
प्रथम ध्यान धरु
सब धन से ऊंचा निर्मल धन हे
सहज योग में डूब के तू भी जान
प्रथम ध्यान धरु
निर्मल नाम हे प्रेम का सागर
तू भी प्रेम से नाता बाँध
प्रथम ध्यान धरु
जय श्री माताजी
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