गुल से तेरे चेहरे पे, झलके हे वो नुरानी, वजूदे खुदाई की हे, जो रूबरू कहानी
इक वक्त से सींचा था, जिस ताकते ने हमको जाना हे तेरे कदमो में बहता हे वही पानी
गुल से तेरे चेहरे पे
नज़रे हे तेरी निर्मल, हो जाए बया केसे, शबनम से तेरी फितरत हो जाए बया केसे
करता बया लब्ज जो, लगता हे वो बेमानी, वजूदे खुदाई की हे, जो रूबरू कहानी
गुल से तेरे चेहरे पे
तेरे कदमो की आहट से झुकते हे जन्हा दोनों, तेरे सांसो की संदल से महके हे जन्हा दोनों
तेरे प्यार के नगमो में झूमे हे जन्हा दोनों, बहती हरेक दस्त से हे रौशनी रूहानी
वजूदे खुदाई की हे, जो रूबरू कहानी
गुल से तेरे चेहरे पे
आँचल की तेरी खुशबु, हर बागे बहारा में , आँखों की तेरी शोखी हर फुले नजारा में
माता तेरी तवज्जो, दे साँसे इंसानी
वजूदे खुदाई की हे, जो रूबरू कहानी
गुल से तेरे चेहरे पे
जय श्री माताजी
No comments:
Post a Comment