गणपति बाप्पा हर लो सहजी की पीर
हर वर्ष आयेंगे हम सागर के तीर
गणपति बाप्पा हर
प्रथम धरे जो गणपति वंदन, हो दुःख दूर छुटे बंधन
चरणों में आये तेरे, हरो जग की पीर
हर वर्ष आयेंगे हम सागर के तीर
गणपति बाप्पा हर
अस्टविनायक मंगलदाता, बंधू सखा भाई तुम सुख दाता
गज का शीश सोहे , हो परमवीर
हर वर्ष आयेंगे हम सागर के तीर
गणपति बाप्पा हर
सुन्दर पावन नाम तुम्ह्रारा, गणपति पुले में स्थान तुम्ह्रारा
लाल वंहा की मिटटी, जैसे अबीर
हर वर्ष आयेंगे हम सागर के तीर
गणपति बाप्पा हर
जय श्री माताजी
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