वंदन करते माँ निर्मल का, माँ अपनी हे निर्मल ज्योति
माँ निर्मल ही सूर्य चन्द्रमा, माँ निर्मल ही सीप का मोती
वंदन करते माँ निर्मल का
नए प्रभात की नई किरण बन, कलियुग में हुआ माँ का आगमन
चंहुदिशी फेला प्रेम उजाला, लाई संग माँ प्रेम की ज्योति
माँ निर्मल ही सूर्य चन्द्रमा, माँ निर्मल ही सीप का मोती
वंदन करते माँ निर्मल का
माँ निर्मल के गीत में गाऊ, माँ की कृपा में खुद को पाऊ
केसे पाते आत्म तत्व को प्रगट न कर माँ निर्मल ज्योति
माँ निर्मल ही सूर्य चन्द्रमा, माँ निर्मल ही सीप का मोती
वंदन करते माँ निर्मल का
जय श्री माताजी
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