श्रदा भक्ति ज्ञान कर्म सब माँ चरणों में रख दो
शिव शक्ति रूपी मात भवानी तव चरणों में शरण दो
आया माता का पूजन आया शिवरात्रि का आनंद छाया
श्रदा भक्ति ज्ञान
महारात्रि भक्ति प्रिया की महिमा सकल ब्रह्माण्ड गाये
विश्व कुंडलिनी जागृत कर्ता माँ निर्मल कहलाये
निरानंद दायिनी मुक्ति दायीनी माँ निर्मल को संवारो
मा त्रिगुणात्मिका माता अम्बिका तेरी जय जयकर हो
आया माता का पूजन आया शिवरात्रि का आनंद छाया
श्रदा भक्ति ज्ञान
आदिशक्ति माँ कल्की का पावन अवतार कलयुग सवारे
सहजयोग की माता अकुला नवयुग सतयुग जगाये
हे ध्यान दायिनी भक्ति दायिनी माँ निर्मल को सवारों
हे नित्य मुक्त क्षमात्मिका हे महादेवी जय हो
आया माता का पूजन आया शिवरात्रि का आनंद छाया
श्रदा भक्ति ज्ञान
जय श्री माताजी
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