Thursday, March 5, 2020

गणपति आयो रे - सिंपल शर्मा


गणपति आयो रे लाल घर गणपति आयो रे
भोला गए कैलाश, गौरा अशनान रचायो रे
गणपति आयो रे

चन्दन चोकी धस गौर ने मर्दन कीन्हा
तन का चेतन्य समेट बना एक पुतला दीन्हा
सुन्दर बालक दिव्य शक्ति से, जीवित कीन्हा गौरा माँ ने
वही गणेश कहाए, लाल घर गणपति आयो रे
गणपति आयो रे

किस लाडली ने तुझे जन्म दियो हे, 
किसने दियो उपदेश लाल घर गणपति आयो रे
गणपति आयो रे

मात गौर ने मुझे जन्म दियो हे 
भोला ने दियो उपदेश लाल घर गणपति आयो रे
गणपति आयो रे

गौरा माँ की तुम हो दुलारे, निर्मल माँ के बेटे प्यारे 
काट दो सारे कलेश लाल घर गणपति आयो रे
गणपति आयो रे
                                                    जय श्री माताजी 

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