निर्मल तेरे चरणों में बहती चैतन्य धारा
त्रिलोक की हो निर्मल त्रिलोक हे तुम्हरा
निर्मल तेरे चरणों में
ब्रह्मा तुम्हे मनाये, विष्णु तुम्हे धयाये
डमरू हे शिव बजाये,
किया विश्व का उधारा , निर्मल तेरे चरणों में
बिंदिया में गंगा बहती, बिंदिया से जमना बहती
बिंदिया में सूर्य चंदा
देखे ब्रह्मांड सारा, निर्मल तेरे चरणों में
आये हे सहजी सारे, निर्मल तुम्हे पुकारे
चित्त में तुम्हे बिठाकर
ले मोक्ष का नजारा, निर्मल तेरे चरणों में
जय श्री माताजी
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