मुझे रास आ गया हे तेरे दर सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया
मुझे इसका ग़म नहीं हे, के बदल गया ज़माना
मेरी जिंदगी के मालिक, कंही तुम बदल ना जाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया
माना के में बुरा हु, नहीं दीद के हु काबिल
सर रख दिया हे दर पे, आता नहीं उठाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया
मेरी आरजू हे निकले, मेरा दम तुम्हारे आगे
मेरी सांस चल रही हे, कही तुम चले ना जाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया
तेरी बंदगी से पहले, मुझे कौन जनता था
दुनिया हे तेरे दम से, तेरे दम से हे जमाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया
जय श्री माताजी
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