गा मेरे मन श्री माँ के भजन, हो जा मगन तू हो जा मगन
सागर में डूब साक्षी स्वरुप, लहरों को छु पर साहिल ना बन
गा मेरे मन श्री माँ के भजन
माँ से सहज साक्षात्कार मांग, सत्य समझ, जूठा अहंकार भगा
तू सहजी बन, महायोगी बन, माँ निर्मला को कोटि नमन
गा मेरे मन श्री माँ के भजन
करले मेरे मन तू जन जन से प्यार, बहती निरंतर चैतन्य धार
श्रदा बढे, भक्ति बड़े, होता हे जब माँ से अंतर मिलन
गा मेरे मन श्री माँ के भजन
प्रभु शक्ति का तू आहवान कर, परा शक्ति का तू नित ध्यान कर
चिंता हरण हे मंगल करण भाव तारण हे श्री माँ के चरण
गा मेरे मन श्री माँ के भजन
जय श्री माताजी
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