हमको तो निर्मल मैया तेरा ही सहारा हे
स्वर्ग से भी ऊँचा निर्मल मैया तेरा इक द्वारा हे
हमको तो निर्मल
मंदिर मंदिर जाके मेने अलख जगाई थी
करुण कहानी मैया सबको सुनाई थी
सबके दर से हार मैय्या, तुझको पुकारा हे
हमको तो निर्मल
निर्मल मैय्या तेरे बिन कोई ना संसार में
कंही भी ना सुख मिला जो सुख तेरे प्यार में
हमको भी लगादो पार हो ओ .......लाखो को उबारा हे
तू ही गौरा तू ही अम्बे सीता और सावित्री हे
लक्ष्मी सरस्वती गंगा और गायत्री हे
साक्षात् कुण्डलिनी, ओ हो साक्षात् कुण्डलिनी सत्य उजियारा हे
हमको तो निर्मल
शब्द तेरे शास्त्र और धर्म का भंडार हे
वाणी तेरी रामायण का और गीता का सार हे
हर इक सहजयोगी मैया ओ हो हो , हर सहजयोगी तेरी आँख का ही तारा हे
हमको तो निर्मल
जय श्री माताजी
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