Thursday, March 19, 2020

जब से हम सहजयोगी बने - रविन्द्र जैन


जब से हम .........2 जब से हम सहजयोगी बने
सच्चे सुख का ज्ञान हुआ, जीवन एक वरदान हुआ
जब से हम ........

सहजयोग की सहज शक्ति, ऐसा जादू कर गई
भेद के सातो चक्र कुण्डलिनी, सात समुन्दर तर गई
हदय कमल सामान हुआ, जीवन एक वरदान हुआ
जब से हम ........

अरे इस मिलन के कारण, सुर हो उठा अधीरा
सुना जिस मोह मिलन में, रच गया दास कबीरा
राज सुख छोड़ के सारे दीवानी हो गई मीरा
सहज हमें निर्मल माँ ने दिया उस मिलन का हीरा
महावीर और बुद्ध ने गाये निराकार के गीत
संत मिले पूरब पश्चिम के ज्यो पुराने मित
विश्व मिलन आसान हुआ, जीवन एक वरदान हुआ
जब से हम ........

सहजयोग हे सहज जीवन, बात समझ ये आ गई
दुर्लभ हो गया सुलभ, आत्मा अपनी मंजिल पा गई
अपने पर अभिमान हुआ, जीवन एक वरदान हुआ
जब से हम ........

                                                       जय श्री माताजी 


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