माँ तेरे निर्मल प्रेम को मेरा शत शत प्रणाम
तुझको तेरा हर बच्चा प्यारा रावण हो या राम
माँ तेरे निर्मल प्रेम को
राम ने पाप निवारण करने पापी रावण को संहारा
रावणरूपी पाप तूने हटाकर हमारा राम संवारा
माँ तेरे निर्मल प्रेम को
पाप से घृणा पापी से प्यार हे ईसा की शिक्षा हे
प्यार से पापी को पुनीत कर दो ये तेरी दीक्षा हे
माँ तेरे निर्मल प्रेम को
राम रहीम श्याम शमीम दोनों ही तेरी आँखों के तारे
फिर ये जगत में भेद भाव केसा सब हे तेरे दुलारे
माँ तेरे निर्मल प्रेम को
तू प्यार का सागर माँ फिर भी मानव क्यों प्यासा हे
प्यासे जगत को प्यार से भर दो मेरी ये अभिलाषा हे
माँ तेरे निर्मल प्रेम को
जय श्री माताजी
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