Tuesday, March 31, 2020

सहजी हमे बनाया - सिंपल शर्मा


सहजी हमे बनाया , ये करम नहीं तो क्या हे
मेरा मर्तबा बढाया , ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया

मे गमो की धुप में जब तेरा नाम लेके निकला
किया रहमतो का साया, ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया

कभी मौत के भंवर में और कभी कभी कदम पे
मेरी नाव को बचाया, ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया

मेरे जिंदगी के दामन पे बरस पड़ी बहारे
माँ तेरे प्यार ने हसाया, ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया

मेरे वक्त - ए - मुसीबत में , मेरे दिल में उतर करके
मेरे दिल को दिल बनाया, ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया

में भटक  के रह गया था, कंही और बह गया था
मुझे रास्ता दिखाया , ये करम नहीं तो क्या हे
सहजी हमे बनाया
                                                                  जय श्री माताजी 

  

Monday, March 30, 2020

पहन के चोला लाल श्री माँ - सिंपल शर्मा


लाली मेरी मात की, जित देखू उत लाल
लाली देखण में गई, ते में आप भी हो गयी लाल

पहन के चोला लाल, श्री माँ जी मेरे घर आये
मेरे घर आये मेरे घर आये,
पहन के चोला लाल

आज हमने निर्मल माँ की ज्योत जगाई
आई हे माँ निर्मल अंखिया बिछाई हे ....................अंखिया बिछाई हे
ओढ चुनरिया लाल श्री माँ जी मेरे घर आये
मेरे घर आये मेरे घर आये

हाथो में प्यारी प्यारी चुडिया पहनाई हे
माथे पे प्यारी प्यारी बिंदिया सजाई हे.....................बिंदिया सजाई हे
होके शेरो पे सवार श्री माँ जी मेरे घर आये
मेरे घर आये मेरे घर आये

पेरो में प्यारी प्यारी झांझर पहनाई हे
बिछुए पहनाये और मेहँदी लगाईं हे ....................... मेहँदी लगाईं हे
कर के सोलह श्रंगार श्री माँ जी मेरे घर आये
मेरे घर आये मेरे घर आये

माँ की चुनरी का क्या करू वर्णन , माँ ने डूबे हुओ को तारा हे
लोग ये चाँद जिसे कहते हे, माँ की चुनरी का एक सितारा हे

हर सहजी में निर्मल समाई हे
निर्मल माँ में सारी सृष्टी रचाई हे ............................ सृष्टी रचाई हे
सब सहजी हो गए पार, श्री माँ जी मेरे घर आये
मेरे घर आये मेरे घर आये
                                                               जय श्री माताजी 





निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये - रविन्द्र जैन , हेमलता जी

सुबह का भूला ओ ओ  सुबह का भुला जो
शाम को लोटे तो भुला ना कहलाये
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये
भटका हे तू ओ ओ भटका हे तू पापी नहीं हे, माँ ततो यही समझाए
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये


मन से भुला दे मान अपमान, गत जीवन का मत कर ध्यान 
अंतर तेरा गुण रत्नों की खान, कर ले तू अपनी पहचान
सहज का हो ओ ओ सहज का हो 
जब उजियारा तो हर अँधियारा मिट जाए
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये 

तुझमे तेरी जो संपत छुपी, उसपे कभी न दृष्टी पड़ी
सब कुछ स्वयं से पायेगा तू, अन्तर्मुखी यदि हो दो घडी
अपनी खोज में ओ ओ अपनी खोज में 
जो निकले वो, अपनी मंजिल पाए 
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये 

माँ निर्मला अशरण की शरण, तारण हार हे उनके चरण 
कुण्डलिनी का जो होगा मिलन, होगा भविष्य का शुद्धिकरण 
माँ की शक्ति से ओ ओ  माँ की शक्ति से
सच्ची भक्ति से, क्यों न लाभ उठाये 
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये 

बच्चो का हर दुःख माता सहे, हस्ती रहे और कुछ ना कहे 
उसके स्नेह्हिल नैनों से, ममता की गंगा जमुना बहे
वरदानो के ओ ओ वरदानो के 
मोती मैय्या दोनों हाथ लुटाये 
आ जा रे तोहे निर्मल माँ का पावन प्रेम बुलाये 
सुबह का भूला
                                                             जय श्री माताजी 




मुझे रास आ गया हे - सिंपल शर्मा


मुझे रास आ गया हे तेरे दर सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया

मुझे इसका ग़म नहीं हे, के बदल गया ज़माना
मेरी जिंदगी के मालिक, कंही तुम बदल ना जाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया

माना के में बुरा हु,  नहीं दीद के हु काबिल
सर रख दिया हे दर पे, आता नहीं उठाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया

मेरी आरजू हे निकले, मेरा दम तुम्हारे आगे
मेरी सांस चल रही हे, कही तुम चले ना जाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया

तेरी बंदगी से पहले, मुझे कौन जनता था
दुनिया हे तेरे दम से, तेरे दम से हे जमाना
तुझे मिल गया पुजारी , मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया
                                                            जय श्री माताजी 


मेरा आपकी कृपा से - सिंपल शर्मा


मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा हे
करते हो आप श्री माँ , मेरा नाम हो रहा हे
मेरा आपकी कृपा से

पतवार के बिना ही मेरी नाव चल रही हे
हैरान हे ज़माना, मंजिल भी मिल रही हे
करता नहीं में कुछ भी, सब काम हो रहा हे
करते हो आप श्री माँ , मेरा नाम हो रहा हे
मेरा आपकी कृपा से

तुम साथ हो तो मेरे किस चीज की कमी हे
किसी और चिज की अब दरकार भी नहीं हे
तेरा साथ हे गुलाम अब, गुलफाम हो रहा हे
करते हो आप श्री माँ , मेरा नाम हो रहा हे
मेरा आपकी कृपा से

में तो नहीं हु कामिल, तेरा पार केसे पाऊ
मीठी नहीं हे वाणी, गुणगान केसे गाऊ
तेरी दया से निर्मल, ये कमाल हो रहा हे
करते हो आप श्री माँ , मेरा नाम हो रहा हे
मेरा आपकी कृपा से
                                                                  जय श्री माताजी 


Sunday, March 29, 2020

तुमरे द्वारे आन पड़ी हु - Rajiv Bagadthey


माताजी महाराजा जी , तोहे  तोरे सहजन की लाज
अपना करके राखियो, तू न कर बेगाना आज

तुमरे द्वारे आन पड़ी हु , सहजन के माहराज
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज
तुमरे द्वारे आन

हे निर्मल सुरतिया वाले, मोरी बात बनत तोरा क्या जावत
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज

पलकन वारु लागू  पैय्या, छोड़ ना माता थाम के बैय्या
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज

मोरी बीत ना जाए उमरिया, मोरी रंग दो मेली चुनरिया
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज
तुमरे द्वारे आन पड़ी हु , सहजन के माहराज

एक नजरिया कर दो प्रेम की, सबके बन जाए काम
तुम सहजन के माता तुम्हरा बड़ा जगत में नाम
नगर नगर में चर्चा तौर, नगर नगर तौर राज
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज

तडपत हु दर्शन को तोरे, जी को नाही चैन 
माता मोरे दरश दिखाओ, तरस गए मोरे नैन
कदमो में तोरे आन गिरी हु, पत रखियो मोरी आज 
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज

हर झोली भरपूर भरो, हर इक के भाग जगाओ
सबका शिव से मिलन कराओ, सबको पार लगाओ
तुम माता तुम आदिमाता, तोरे सर पर ताज
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज

तुम माटी को जो देखो तो माटी सोना होए
जेसे जगत में तुम हो माता, ऐसा मिला ना कोई
जबसे तोरे संग लगी मोरे, बिगड़े बन गए काज
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज
तुमरे द्वारे आन पड़ी हु , सहजन के माहराज
मोरी माता तुम्ही तो मोरी लाज लाज लाज
                                                     जय श्री माताजी 








जिक्र निर्मल तेरा पाक निर्मल हे तू

यंहा नहीं हे वंहा नहीं हे, क्या हर इक शय से अय्याँ नहीं हे
खुदा कहा हे ये पूछते हो, भला बताओ तो कहा नहीं हे

बना के खुद को बन्दा, तुझको सजदा कर लिए मेने
अब महंगा हो के सस्ता हो, ये सौदा कर लिए मेने
किसी भी दर पे झुकने की नौबत नहीं आती
निर्मला पाक पर जब से भरोसा कर लिया मेने

जिक्र निर्मल तेरा पाक निर्मल हे तू,
कोई तुझसा नहीं सबसे बढ़कर हे तू
निर्मला निर्मला मेरी माँ निर्मला
निर्मला निर्मला निर्मला निर्मला

लफ्ज उनसे बनाए जमी ताफ़लक
तेरे मोहताज हे जिन्न बशर और मलक
हर नज़ारे में पाकीज जी की झलक
नूर फैला हुआ हे तेरा चारो शु , अल्लाह हु वाद हु या शरीक अल्लाह हु
अल्लाहु हु, अल्लाहु हु , अल्लाहु हु
जिक्र निर्मल तेरा

जिस्म दिल को दिया दिल को धड़कन भी दी
देके आँखे मुझे रौशनी  बक्श दी
पैदा करने से पहले दिया रिजक भी
सबका राजिक हे मालिक हे पालिक हे तू
अल्लाह हु वाद हु या शरीक अल्लाह हु
अल्लाहु हु, अल्लाहु हु , अल्लाहु हु
जिक्र निर्मल तेरा

सबसे बढ़कर याही नाम हे या खुदा
निर्मला माँ की उन्मत में पैदा किया
शुक्र तेरा करे केसे हम सब बता
हम हे बन्दे तेरे और माता हे तू
निर्मला निर्मला मेरी माँ निर्मला
निर्मला निर्मला निर्मला निर्मला
जिक्र निर्मल तेरा

                                               जय श्री माताजी 




जय श्री माताजी सबसे कहिये - सिंपल शर्मा


जय श्री माताजी सबसे कहिये , जिस विधि राखे माँ उस विधि रहिये
जय श्री माताजी सबसे कहिये

जिस विधि ऋषि मुनि माँ को जपते, उसी विधि निर्मल सुमिरन करिए
जय श्री माताजी सबसे कहिये

जिस विधि देवता ध्यान हे धरते, उसी विधि निर्मल ध्यान करिए
जय श्री माताजी सबसे कहिये

अघम अगोचर निर्मल माँ को, हर पल हर घडी चित्त में रखिये
जय श्री माताजी सबसे कहिये

मोक्ष मिलेगा निर्मल माँ से, हाथ जोड़कर वंदन करिए
जय श्री माताजी सबसे कहिये

                                                                जय श्री माताजी 


तू है ईश्वर तू परमेश्वर - दिनेश निम्बालकर


तू है ईश्वर तू परमेश्वर
हे परमानंद माँ
तू है ईश्वर

तू श्री गणेशा हे तू ब्रह्मांड,  तू करुणामय तू निर्गुण
हे परमानंद माँ
तू है ईश्वर

तू जगतारक तू भवतारक, विघन विनाशक सिद्धि विनायक
हे परमानंद माँ
तू है ईश्वर


तू हे भवानी भव भय हारिणी, मोक्ष प्रदायिनी सहस्त्रार स्वामिनी
हे परमानंद माँ
तू है ईश्वर

                                                                   जय श्री माताजी 


तुम बिन कौन माँ जी हमारा - दिनेश निम्बालकर


तुम बिन कौन माँ जी  हमारा
श्री निर्मल माँ दे दे सहारा
तुम बिन कौन

कौन भला क्या किसको देगा
अन्धकार में जग सारा, श्री निर्मल माँ दे दे सहारा
तुम बिन कौन

युग युग बीते सदिया बीती
बस तेरा ही नाम पुकारा, श्री निर्मल माँ दे दे सहारा
तुम बिन कौन

जब जब दुनिया रस्ता रोके
तब तूने माँ पार उतारा, श्री निर्मल माँ दे दे सहारा
तुम बिन कौन

                                        जय श्री माताजी 


प्रथम ध्यान धरु - दिनेश निम्बालकर

प्रथम ध्यान धरु तिहारो .........................................२
फिर जगत के सगरे काम
प्रथम ध्यान धरु

चरण कमल पर वारी जाऊं
तेरे चरण तीरथ चारो धाम
प्रथम ध्यान धरु

निर्मल निर्मल नाम जपु में ....................................2
माँ की महिमा को तू भी जान
प्रथम ध्यान धरु

सब धन से ऊंचा निर्मल धन हे
सहज योग में डूब के तू भी जान
प्रथम ध्यान धरु

निर्मल नाम हे प्रेम का सागर
तू भी प्रेम से नाता बाँध
प्रथम ध्यान धरु
                                                                       जय श्री माताजी 


Friday, March 27, 2020

गुल से तेरे चेहरे पे - डॉ. संजय तलवार


गुल से तेरे चेहरे पे, झलके हे वो नुरानी, वजूदे खुदाई की हे, जो रूबरू कहानी
इक वक्त से सींचा था, जिस ताकते ने हमको जाना हे तेरे कदमो में बहता हे वही पानी
गुल से तेरे चेहरे पे

नज़रे हे तेरी निर्मल, हो जाए बया केसे, शबनम से तेरी फितरत हो जाए बया केसे
करता बया लब्ज जो, लगता हे वो बेमानी, वजूदे खुदाई की हे, जो रूबरू कहानी
गुल से तेरे चेहरे पे


तेरे कदमो की आहट से झुकते हे जन्हा दोनों, तेरे सांसो की संदल से महके हे जन्हा दोनों
तेरे प्यार के नगमो में झूमे हे जन्हा दोनों, बहती हरेक दस्त से हे रौशनी रूहानी
वजूदे खुदाई की हे, जो रूबरू कहानी
गुल से तेरे चेहरे पे

आँचल की तेरी खुशबु, हर बागे बहारा में , आँखों की तेरी शोखी हर फुले नजारा में
माता तेरी तवज्जो, दे साँसे इंसानी
वजूदे खुदाई की हे, जो रूबरू कहानी
गुल से तेरे चेहरे पे

                                                                   जय श्री माताजी 




गौर जी नंदन श्री गणेश को - सिंपल शर्मा


गौर जी नंदन श्री गणेश को प्रणाम कीजिये
निर्मल माँ के बेटे का नाम लीजिये
गौर जी नंदन श्री गणेश को

पुतला बनाया गौरा चेतन्य समेट के, पुतले में प्राण भरे दिव्य शक्ति से
करना स्नान हे तू निगेहबान हे, अन्दर ना आये कोई इनकार कीजिये
गौर जी नंदन श्री गणेश को

भोला भंडारी आये दूर से ध्यान लगाए
कौन हे नन्हा बच्चा किस कारण यंहा पे आये
अन्दर न जाने दिया बालक इनकार किया
मार त्रिशूल भोले, शीश को काट दिया
आई गौर महारानी आँखों में छाया पानी
बालक को जीवित कर दो होगी बड़ी मेहरबानी
जंगल में जाए थे गज शीश लाये थे
उठो गजराज अमृत जल पीजिये
गौर जी नंदन श्री गणेश को

जो भी ध्यावे पहले गणपत गणेश को
सभी दुःख दूर हरे, काटे कलेश को
सूत महेश हे नाम गणेश हे, श्री माँ के लाडले का नित नाम लीजिये
गौर जी नंदन श्री गणेश को
                                                               जय श्री माताजी 


गणपति मुझे दिन की - सिंपल शर्मा


गणपति मुझे दिन की विनती करो परवान तुम
दिन में, तुम हो दयालु दाता कृपा निधान तुम
गणपति मुझे दिन की

ब्रह्मा विष्णु और सदा शिव अर्चना करते तेरी
ज्ञान का प्रकाश भर दो हम गाये महिमा तेरी
क्या कमी उसको हे रहती, जिस पे हो दयावान तुम
गणपति मुझे दिन की

स्नेहमयी माँ के हो प्यारे, निर्मल माँ के लाल तुम
शीश गजानन मूषक वाहन, भक्तो के प्रतिपाल हो
नत मस्तक हो तुम्हे पुकारे, हो बुद्दी की खान तुम
गणपति मुझे दिन की

मूलाधार में तुम हो विराजे, करो कृपा तुम आन पर
अपने गुण हम सबमे भर दो, अपना बालक जानकर
महका दो मन का बगीचा, निर्मल माँ के लाल तुम
गणपति मुझे दिन की
                                                              जय श्री माताजी 


गणपति बाप्पा हर लो - सिंपल शर्मा


गणपति बाप्पा हर लो सहजी की पीर
हर वर्ष आयेंगे हम सागर के तीर
गणपति बाप्पा हर

प्रथम धरे जो गणपति वंदन, हो दुःख दूर छुटे बंधन
चरणों में आये तेरे, हरो जग की पीर
हर वर्ष आयेंगे हम सागर के तीर
गणपति बाप्पा हर

अस्टविनायक मंगलदाता, बंधू सखा भाई तुम सुख दाता
गज का शीश सोहे , हो परमवीर
हर वर्ष आयेंगे हम सागर के तीर
गणपति बाप्पा हर

सुन्दर पावन नाम तुम्ह्रारा, गणपति पुले में स्थान तुम्ह्रारा
लाल वंहा की मिटटी, जैसे अबीर
हर वर्ष आयेंगे हम सागर के तीर
गणपति बाप्पा हर

                                                              जय श्री माताजी 


Thursday, March 26, 2020

गा मेरे मन श्री माँ के भजन - दीपक वर्मा


गा मेरे मन श्री माँ के भजन, हो जा मगन तू हो जा मगन
सागर में डूब साक्षी स्वरुप, लहरों को छु पर साहिल ना बन
गा मेरे मन श्री माँ के भजन

माँ से सहज साक्षात्कार मांग, सत्य समझ, जूठा अहंकार भगा
तू सहजी बन, महायोगी बन, माँ निर्मला को कोटि नमन
गा मेरे मन श्री माँ के भजन

करले मेरे मन तू जन जन से प्यार,  बहती निरंतर चैतन्य धार
श्रदा बढे, भक्ति बड़े, होता हे जब माँ से अंतर मिलन
गा मेरे मन श्री माँ के भजन

प्रभु शक्ति  का तू आहवान कर, परा शक्ति का तू नित ध्यान कर
चिंता हरण हे मंगल करण भाव तारण हे श्री माँ के चरण
गा मेरे मन श्री माँ के भजन
                                                                      जय श्री माताजी 


ध्यान करने से तर जाएगा - सिंपल शर्मा


ध्यान करने से तर जाएगा ......2    तेरा जीवन संवर जाएगा
ध्यान करने से

होगा तेरा चर्चा उस गली, जिस गली से गुज़र जाएगा
तेरा जीवन संवर जाएगा, ध्यान करने से

अपना दामन फैलाएगा जो, वो फैलाते ही भर जाएगा
तेरा जीवन संवर जाएगा, ध्यान करने से

सहजयोग हे माँ ने दिया, योग से क्षेम हो जाएगा
तेरा जीवन संवर जाएगा, ध्यान करने से

जो  ना जाना श्री माँ को तूने, खाली जग से चला जायेगा
तेरा जीवन संवर जाएगा, ध्यान करने से

निर्विचार जो हो जाएगा, निर्मल माता को पा जाएगा
तेरा जीवन संवर जाएगा, ध्यान करने से

चैतन्य मयी हे श्री माँ, चैतन्य से भर जाएगा
तेरा जीवन संवर जाएगा, ध्यान करने से

आदिशक्ति का ध्यान तू कर, तुझे मोक्ष भी मिल जाएगा
तेरा जीवन संवर जाएगा, ध्यान करने से
                                                             जय श्री माताजी 


जय गणपति महाराज - मुखीराम जी


जय गणपति जी महाराज, तेरी जग में ज्योत समाई हे

गौरा मात पिता महादेवा, सब भक्तो के आप हे देवा
हे देवो के सरताज सरताज, तेरी जग में ज्योत समाई हे
जय गणपति जी महाराज

जग रक्षक पालन कारी हे, तेरो मूषक वाहन सवारी हे
तू राखे सबकी लाज, लाज तेरी जग में ज्योत समाई हे
जय गणपति जी महाराज

लम्बोदर चार भुजाधारी, सूत आदिशक्ति आज्ञाकारी
रह फरसा क्र में साज, साज तेरी जग में ज्योत समाई हे
जय गणपति जी महाराज

लड्डूवन का भोग लगाए हे , संग फुल पान फल लाये हे
तेरा भोग लगाये आज, आज  तेरी जग में ज्योत समाई हे
जय गणपति जी महाराज

सहजी तेरे चरण पखारे हे , निर्मल आँखों के तारे हे
गज मस्तक रहा विराज, विराज तेरी जग में ज्योत समाई हे
जय गणपति जी महाराज
                                                  जय श्री माताजी 




Wednesday, March 25, 2020

जय भोला भंडारी शिव हर - दीपक वर्मा


जय भोला भंडारी शिव हर जय भोला भंडारी
जय कैलाश पति शिवशंकर, सब जग के हितकारी
जय भोला भंडारी

निश दिन तेरा ध्यान धरे हम, सिमरे मन्त्र तिहारा
हे शिव शंकर मन्त्र जगाओ होए घट उजियारा
नमामि शंकर नमामि शंकर कृपा करो त्रिपुरारी
जय भोला भंडारी

शंख नाद से शब्द जगाकर, स्वर संगीत बहाया
युग युग से ये सृष्टि नाचे, ऐसा डमरू बजाया
शिव का नाम जपे से जग में, सुख पावे संसारी
जय भोला भंडारी

तीनो ताप हरण क़रलेता, ये त्रिशूल तिहारा
शिव का नाम जपे से जग में मिलता मुक्ति द्वारा
महादेव परब्रह्म विधाता, आये शरण तिहारी
जय भोला भंडारी
                                                   जय श्री माताजी 


Tuesday, March 24, 2020

ऐसा वरदान दे दो हमें माँ - सिंपल शर्मा


ऐसा वरदान दे दो हमें माँ , सुख में उछले ना हम दुःख में डोले
अपने अंदर ही खुद झाक कर हम गलतिया अपनी खुद ही टटोले
ऐसा वरदान दे दो हमें माँ

हो सके तो करे हम भलाई, हर बुराई से बचते रहे हम
नेक राहो में आये जो मुसीबत, हँसते हँसते ही उसको सहे हम
हर बेगाने को कर ले जो अपना, मधुर वाणी हमेशा ही बोले
अपने अंदर ही खुद झाक कर हम गलतिया अपनी खुद ही टटोले
ऐसा वरदान दे दो हमें माँ

हमको कुंदन बना दो श्री माँजी, लाख चाहे पड़े क्यों ना तकना
कुछ भुगतान हो जाए पिछला, कुछ अगला संवर जाए अपना
तेरी करुणा गंगा में निर्मल, काले कर्मो की हम मेल धो ले
अपने अंदर ही खुद झाक कर हम गलतिया अपनी खुद ही टटोले
ऐसा वरदान दे दो हमें माँ

तेरी इच्छा बिना कुछ ना होगा, तेरे हाथो में सृष्टि की डोरी
तुझसे क्या श्री माँ रखे छुपा के, तुझसे किस बात की फिर हे चोरी
किस पटारी में क्या हे तू जानें, किसको खोले के या हम ना खोले
अपने अंदर ही खुद झाक कर हम गलतिया अपनी खुद ही टटोले
ऐसा वरदान दे दो हमें माँ
                                                                 जय श्री माताजी 







आदिशक्ति माताजी तेरे चरणों में - सिंपल शर्मा


आदिशक्ति माताजी तेरे चरणों में आया हु में
शाम सवेरे गुण तेरे ही गाऊ तेरा ही जाया हु में
श्री माँ तेरा ही जाया हु में
आदिशक्ति माताजी तेरे चरणों में

तू आदिशक्ति सहस्त्रार बिराजे, हाथो में वीणा मुकुट सर पे साजे
आदिशक्ति माताजी तेरे चरणों में

तू ही भवानी तू महामाया, तुझमे ही सारा विश्व सामाया
आदिशक्ति माताजी तेरे चरणों में

तू ही सदाशिव अन्तर्यामी, देवी देवो की तुम ही हो स्वामी
आदिशक्ति माताजी तेरे चरणों में

                                                 जय श्री माताजी 


ये हमारी जिंदगी माँ - दीपक वर्मा


ये हमारी जिंदगी माँ के नाम हे
अपनी हर इक ख़ुशी माँ के नाम हे
ये हमारी जिंदगी

आरजू खवाब - ए - दिल धड़कने जाँ हे माँ
ये हमारी साँसे भी माँ के नाम हे
ये हमारी जिंदगी माँ

अपने हर गीत में हे झलक माँ की
हर ग़ज़ल रागिनी माँ के नाम हे
ये हमारी जिंदगी माँ

हे तस्सवुर हमें रात दिन सहज का
अपने हर पल घडी माँ के नाम हे
ये हमारी जिंदगी माँ

अपनी हस्ती हे क्या बस यही जाना हे
हम तो रोशन दिए माँ के नाम हे
ये हमारी जिंदगी माँ
                                            जय श्री माताजी 


दर पे तेरे जो भी आया - सहज भजन


दर पे तेरे जो भी आया
वो तो श्रद्धा के फूल ले आया, माँ मेरी शेरावाली
दर पे तेरे जो भी आया 

भवन तेरा बड़ी दूर मैय्या, तेरे भक्तो ने आना जरूर मैय्या
तेरा सेवक है लाखों पुजारी, माँ मेरी शेरावाली, 
दर पे तेरे जो भी आया 

अम्बे मैय्या मेरी जगदम्बे मैय्या, तेरा भगत कभी भी ना कम्बे मैय्या
तेरी सुंदर छवि है निराली, माँ मेरी शेरावाली
दर पे तेरे जो भी आया 

अर्ज मेरी मैय्या मंजूर करो, खाली झोली मेरी भरपूर करो
अपना सेवक ना भेजो माँ खाली, माँ मेरी शेरावाली
दर पे तेरे जो भी आया 
                                                                    जय श्री माताजी



सहजी सहजी सारे आये - दिनेश निम्बालकर

सहजी सहजी सारे आये तेरे द्वारे
अपना शीश झुकाये आये तेरे द्वारे
सहजी सहजी सारे

तूने सबको जन्म दिया है, तू ही कर दे पार
तू ही सबकी जीवन जननी ये तेरा संसार
निर्मल नाम का तू अमृत पी तू कर ले बेडा पर
सहजी सहजी सारे

निशदिन तेरा ध्यान धरत है तेरे मिलान की आस
पल पल तेरा नाम जपत है निर्मल माँ का दास
सहज सहज का नाम सहज ले जीवन अपना तार
सहजी सहजी सारे

आशाओ के द्वीप जलाकर आया तेरे द्वार
इस मिट्टी की मूरत को अब तू कर दे साकार
तेरी महिमा तू ही जाने तेरी जय जयकार
सहजी सहजी सारे
                       जय श्री माताजी


तू ही सबकी पालनहारी - दिनेश निम्बालकर



तू ही सबकी पालनहारी, ओ जगत की माँ
निर्मल माँ निर्मल माँ 

तेरी शरण मे जो भी आया ज्ञान का सागर उसने पाया
तेरी दुआ की कृपा हो जिस पर ह्दय का द्वीप उसने जगाया
तेरी अदा है सबसे न्यारी, ओ जगत की माँ 
निर्मल माँ निर्मल माँ 

तेरे रूप और रंग अनेक, तू है सबकी दाता
जीवन तूने सबको दिया है, तू है सबकी माता
तू है हमको सबसे प्यारी, ओ जगत की माँ 
निर्मल माँ निर्मल माँ 

तू है माया ओर महामाया कोई तुझको समझ ना पाया
तेरी महिमा तू ही जाने, दर पे जो आया वही राह पाया
तेरी यारी सभी से न्यारी, ओ जगत की माँ 
निर्मल माँ निर्मल माँ 
                                 जय श्री माताजी


है माँ निर्मल माँ - दिनेश निम्बालकर



है माँ निर्मल माँ, में तेरे चरण की धूल
तेरे दरस को तरस रहा है, ये बगिया का फूल

तेरे नयनो में देख के हमने, जीवन रस को जाना
तू ही तू ही है दिल मे समाई अब किसको क्या पाना
तू श्री माँ है , हम तेरे बालक क्षमा कर सबकी भूल
तेरे चरण की धूल, है माँ निर्मल माँ, में तेरे चरण की धूल

तू है ह्दय में तू ही है दिल मे तू ही है तन में तू ही है मन मे
जीवन ज्योति कर दे रोशन सागर प्यार का भर दे मैन में
भुला भटका अज्ञानी में, कर ले मुझको कुबूल
तेरे चरण की धूल, है माँ निर्मल माँ, में तेरे चरण की धूल

गंगा सागर निर्मल पानी, निर्मल नाम है अन्तर्यामी
माँ की महिमा अपरंपार, माँ के गुण को गा ले प्राणी
अमृतवाणी माँ के मुख से सुन ले माँ के फूल
तेरे चरण की धूल, है माँ निर्मल माँ, में तेरे चरण की धूल
                       जय श्री माताजी


सहज में आकर ध्यान धरे - सिम्पल शर्मा



सहज में आकर ध्यान धरे ना, मोक्ष को कैसे पायेगा
निर्मल ध्यान तू धर ले साहजी, निर्मल ज्ञान तू पायेगा
सहज में आकर ध्यान धरे 

भक्तिप्रिया है निर्मला माता निष्कामा माँ जगदाता
प्रेम प्यार से भक्ति कर ले माँ है जग की सुखदाता
मन मे तेरे यही हो आशा, कैसे माँ को पायेगा
सहज में आकर ध्यान धरे 

श्री निर्मल माँ पालनहारी निर्गुणा माँ है प्यारी
सूर्य चन्द्र भी माँ को जपते निर्मल ज्योति है न्यारी
जो ना माँ को पाया बन्दे, खाली जग से जाएगा
सहज में आकर ध्यान धरे 

निर्मला माता विश्व विधाता, जो भी सहज में रम जाता
कुंडलिनी जागृत है होती, मंगलदायिनी दुख हरता
निर्मल माँ को जो ही ध्याये मोक्ष को वो ही पायेगा
सहज में आकर ध्यान धरे 
                           जय श्री माताजी


Sunday, March 22, 2020

हमका ओढावे चदरिया - शेखर सेन


हमका ओढावे चदरिया , चलती ही बिरिया रे
हमका ओढावे चदरिया

प्राण राम जब निक संग लागे, उलट गयी दोहु नैन कुतरिया
भीतर से जब बाहर लाये, छुट गई सब महल अटरिया
हमका ओढावे चदरिया


चार जने मिली खाट उठाई, रोवत ले चले डगर डगरिया
कहत कबीर सुनो भाई साधो, संग चली वह सुखी लकडिया
हमका ओढावे चदरिया





दुःख में सुमिरन सब - शेखर सेन


दुःख में  सुमिरन सब करे सुख में करे न कोई
जो सुख में सुमिरन करे तो दुख काहे को होए
दुःख में  सुमिरन सब

सहज मिले सो दूध संग, माँगा मिला सो पानी
कह कबीर वह रक्त संग, जा में खेंचा  तानी
दुःख में  सुमिरन सब

बुरा जो देखन में चला, बुरा ना मिलया कोई
जो दिल खो जा आपणा, मुझसे बुरा ना कोई
दुःख में  सुमिरन सब

जहा दया तह धर्म हे, जहा लोभ तह पाप
जहा क्रोध तह काल  हे, जहा क्षमा तह आप
दुःख में  सुमिरन सब

माठी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोह
इक दिन ऐसा आयेगा, में रोंदुंगी तोह
दुःख में  सुमिरन सब

                                                       





  

भजो रे भैय्या राम गोविन्द हरी - शेखर सेन


भजो रे भैय्या राम गोविन्द हरी....................................2
राम गोविन्द हरी .....................................
भजो रे भैय्या

जप तप साधन नहीं कछु लागत
हर जत नहीं गठरी
भजो रे भैय्या राम गोविन्द हरी

संतत संपत सुख के कारण
दासो भूल पड़ी
भजो रे भैय्या राम गोविन्द हरी

कहत कबीरा राम ना जा मुख
ता मुख धुल भरी
भजो रे भैय्या राम गोविन्द हरी
                             


बीत गए दिन भजन बिना रे - शेखर सेन


बीत गए दिन भजन बिना रे .............
भजन बिना रे भजन बिना रे
बीत गए दिन

बाल अव्स्ठा खेल गवायो ........................
आई जवानी तब मान घना रे
बीत गए दिन

लाहे कारण मूल गवायो ........................
अजहू न गई मन की तृष्णा रे
बीत गए दिन

कहत कबीर सुनो भाई साधो
पार उतर गए संत जना रे
बीत गए दिन


                                       




Friday, March 20, 2020

एक है सबका माली - सुरेश वाडेकर

एक है सबका माली, फूल है सब इक डाल के
धरम के नाम पे मत इन्हें लुटो। मिथ्या भरम में डाल के
एक है सबका माली

सब एक ही प्रभु के अंग है, सबमे समाई उसकी खुशबू 
सबमे उसी के रंग है
सब फूलो से प्यार करे वो, सबको रखे संभाल के
एक है सबका माली

यहाँ फैली हुई है कुरुतिया, धर्म ज्ञान व्यवसाय बनाके
करते लोग अनीतिया।
प्रभु के पंथ से भटकाते है, अपने पन्थ निकाल के
एक है सबका माली

मत दोष लगाओ धर्म को, स्वयं को जांचों स्वयं को परखो, परखो अपने कर्म को।
श्री माताजी से अनुभव लो, सहज का अमृत डाल के
एक है सबका माली

जब स्वयं से लौ लग जायेगी, ज्ञान की ज्योत अखंड जलेगी कुंडलिनी जग जाएगी।
अपने घट में दर्शन होंगे, परमेश्वर प्रतिपाल के
एक है सबका माली
                             जय श्री माताजी



Thursday, March 19, 2020

जप लो नाम हे प्यारा - दीपक वर्मा



जप लो जप लो ..............................2
जप लो नाम हे प्यारा, माँ निर्मल का

श्री माँ नज़र मेहर की करती, कस्ट जगत के पल में हरती
ऐसा सुन्दर द्वारा माँ निर्मल का, माँ निर्मल का ...................3
जप लो जप लो ..............................2
जप लो नाम हे प्यारा, माँ निर्मल का

हम सब माँ तेरे दर पे आये, सहजयोग की भक्ति पाए
प्रेम हे सबसे न्यारा, माँ निर्मल का ...................3
जप लो जप लो ..............................2
जप लो नाम हे प्यारा, माँ निर्मल का

दर्शन माँ के सबने पाए, हम सबके माँ दिल में समाये
खेल ये जग ये सारा, माँ निर्मल का ...................3
जप लो जप लो ..............................2
जप लो नाम हे प्यारा, माँ निर्मल का

                                                      जय श्री माताजी


जब से माँ का नाम लिया


जब से माँ का नाम लिया मेरे सब दुःख दूर हुए
जब से तेरी लगन लगी, मन हो गया दीवाना हे
जब से माँ का नाम लिया

तारो में ढूढा तुमको, माँ चंदा में पाए हो
छोटी छोटी किरणों में, मेरी मैय्या का ठिकाना हे
जब से माँ का नाम लिया

बागो में ढूंढा तुमको, माँ फूलो में पाए हो
छोटी छोटी कलियों में, मेरी मैय्या का ठिकाना हे
जब से माँ का नाम लिया

गंगा में ढूंढा तुमको, माँ जमुना में पाए हो
ठंडी  ठंडी लहरों में, मेरी मैय्या का ठिकाना हे
जब से माँ का नाम लिया

मंदिर में ढूंढा तुमको, माँ सहजिन में पाए हो
सहजी की आत्मा में, मेरी मैय्या का ठिकाना हे
जब से माँ का नाम लिया
                                                       जय श्री माताजी 


जब से हम सहजयोगी बने - रविन्द्र जैन


जब से हम .........2 जब से हम सहजयोगी बने
सच्चे सुख का ज्ञान हुआ, जीवन एक वरदान हुआ
जब से हम ........

सहजयोग की सहज शक्ति, ऐसा जादू कर गई
भेद के सातो चक्र कुण्डलिनी, सात समुन्दर तर गई
हदय कमल सामान हुआ, जीवन एक वरदान हुआ
जब से हम ........

अरे इस मिलन के कारण, सुर हो उठा अधीरा
सुना जिस मोह मिलन में, रच गया दास कबीरा
राज सुख छोड़ के सारे दीवानी हो गई मीरा
सहज हमें निर्मल माँ ने दिया उस मिलन का हीरा
महावीर और बुद्ध ने गाये निराकार के गीत
संत मिले पूरब पश्चिम के ज्यो पुराने मित
विश्व मिलन आसान हुआ, जीवन एक वरदान हुआ
जब से हम ........

सहजयोग हे सहज जीवन, बात समझ ये आ गई
दुर्लभ हो गया सुलभ, आत्मा अपनी मंजिल पा गई
अपने पर अभिमान हुआ, जीवन एक वरदान हुआ
जब से हम ........

                                                       जय श्री माताजी 


Wednesday, March 11, 2020

हर देश में तू - दीपक वर्मा


हर देश में तू, हर वेश में तू .....................................2
तेरे नाम अनेक तू एक ही हे ....................................2
हर देश में तू

सागर से उठा बादल बनकर, बादल से बहा हे जल बनकर
फिर नाहर बनी नदिया गहरी, तेरे भिन्न स्वरुप तू एक ही हे
हर देश में तू

मिटटी से अणु परमाणु बना, फिर दिव्य जगत का रूप लिया
फिर पर्वत विश्व विशाल बना, सौन्दर्य तेरा तू एक ही हे
हर देश में तू

वो दृश्य दिखया हे जिश्ने, ये हे श्री माँ की पूर्ण कृपा
तुकड्या कहे तू अब और ना दिखा, ये में और तू सब एक ही हे
हर देश में तू
                                                             जय श्री माताजी 



डम डम डम डमरु बजाये - दीपक वर्मा


डम डम डम डमरु बजाये, शिवशंकर कैलाशपति
युग युग सोया जीव जगाये शिवशंकर कैलाशपति
ॐ नम शिवाय ॐ नम शिवाय  बोलो ॐ नम शिवाय


माथे ऊपर तिलक चंद्रमा, पहने नाग की माला
डमरू की धड़कन पे नाचे, सृष्टि का रखवाला
नित भक्तन के कष्ट मिटाए शिवशंकर कैलाशपति
युग युग सोया जीव जगाये शिवशंकर कैलाशपति
ॐ नम शिवाय ॐ नम शिवाय  बोलो ॐ नम शिवाय

जटा जुट से बहती गंगा, सबके पाप मिटाती
धरती और प्यासे जीवो की मैय्या प्यास बुझाती
नित कृपा जग पे बरसाए शिवशंकर कैलाशपति
युग युग सोया जीव जगाये शिवशंकर कैलाशपति
ॐ नम शिवाय ॐ नम शिवाय  बोलो ॐ नम शिवाय

मंगलकारी नाम हे उनका, वो शक्ति दाता
भव सागर से तर जाए वो जो शिव नाम हे ध्याता
मोह माया से मन को छुडाये शिवशंकर कैलाशपति
युग युग सोया जीव जगाये शिवशंकर कैलाशपति
ॐ नम शिवाय ॐ नम शिवाय  बोलो ॐ नम शिवाय
         
                                                            जय श्री माताजी 

प्यार भरे ये दो निर्मल नैन



प्यार भरे ये दो निर्मल नैन, जिनसे मिला ये अमृतमय चैन
कोई जानेना इस प्यार की गहराई, इन आँखों की गहराई
प्यार भरे ये दो निर्मल नैन

झील कहो पर उसका भी हे तल, जिनके आगे सागर भी ओझल
सूर्य प्रकाश भी हो जाये ओझल, तुलना से भी ऊपर उठ गया इन नैनो का स्तर
प्यार भरे ये दो निर्मल नैन

जैसे सरिता सागर में जाये घुल, निर्मल मंगलता में गये हम धुल
भुत भविष्य की चिंता गए हम भूल, सुगंधमय इस चेतना से निखरे हे ये फुल
प्यार भरे ये दो निर्मल नैन

आंसू झर झर बह निकले, अनुकम्पा जब जाती घटा बन
औं लो उन नैनो से कभी, हितकारी मीठे सच्चे खरे बैन
जीवन का सब सत्व हे इनमे,  खुद को कर दो पूर्ण समर्पण
सब कुछ लुटा दो पाने का ये आँखों का अनमोल रतन
प्यार भरे ये दो निर्मल नैन
                                                            जय श्री माताजी 

Saturday, March 7, 2020

हमको तो निर्मल मैया तेरा ही सहारा हे - मुखीराम जी


हमको तो निर्मल मैया तेरा ही सहारा हे
स्वर्ग से भी ऊँचा निर्मल मैया तेरा इक द्वारा हे
हमको तो निर्मल

मंदिर मंदिर जाके मेने अलख जगाई थी
करुण कहानी मैया सबको सुनाई थी
सबके दर से हार मैय्या,         तुझको पुकारा हे
हमको तो निर्मल

निर्मल मैय्या तेरे बिन कोई ना संसार में
कंही भी ना सुख मिला जो सुख तेरे प्यार में
हमको भी लगादो पार हो ओ .......लाखो को उबारा हे

तू ही गौरा तू ही अम्बे सीता और सावित्री हे
लक्ष्मी सरस्वती गंगा और गायत्री हे
साक्षात् कुण्डलिनी, ओ हो  साक्षात् कुण्डलिनी सत्य उजियारा हे
हमको तो निर्मल

शब्द तेरे शास्त्र और धर्म का भंडार हे
वाणी तेरी रामायण का और गीता का सार हे
हर इक सहजयोगी मैया ओ हो हो , हर सहजयोगी तेरी आँख का ही तारा हे
हमको तो निर्मल
                                                     जय श्री माताजी 
 

हे माँ दे भक्ति का दान - डॉ. संजय तलवार


हे माँ दे भक्ति का दान, दे भक्ति का दान
तेरा प्रेम ही वेद पुराणों का ज्ञान, वेड पुराणों का ज्ञान
हे माँ दे भक्ति का दान

सब की थी जो अभिलाशाये, कर दी पूरी वही धाराए
चरणों में तेरे शीश नवाकर, हदय से फूटी प्रार्थनाये
ब्रह्मांड की हे तू ही जननी, स्नेहमयी तू अनुपमा
हे माँ दे भक्ति का दान

पूजा तेरी देती अमृत, इस धरती पर सब लोको में
तेरी इच्छा से हे बहता मधुरस बच्चो में पुष्पों में
तेरी कृपा से हे ये अम्बर, धरती बनी हे तुझ से माँ
हे माँ दे भक्ति का दान

क्षमाशील तू हे वो झरना, ज्ञान की देवी माँ तू करुणा
आदि अनादी तू ही भवानी, सहज दायिनी तू निर्मल माँ
मोक्ष हे मिलता तव चरणन में, करके केवल प्रार्थना
हे माँ दे भक्ति का दान

                                                             जय श्री माताजी 


हर सांस में हो सुमिरन तेरा - सिम्पल शर्मा


हर सांस में हो सुमिरन तेरा, यूँ बीत जाए जीवन मेरा
तेरी पूजा तेरी सेवा सांझ सवेरा
हर सांस में हो सुमिरन तेरा

तेरे मन को प्यारा हे वो मेरे मन को प्यारा हे
जो तेरे सर का ताज, मेरी अंखियो का तारा हे
मिट जाए भेद ये तेरा मेरा, यूँ बीत जाए जीवन मेरा
तेरी पूजा तेरी सेवा सांझ सवेरा
हर सांस में हो सुमिरन तेरा

नैनो की खिड़की से हरदम, तुझको निहारु
हदय में बसाऊ तेरी आरती उतारू
देखा करू में तेरा रूप सुनहरा यूँ बीत जाए जीवन मेरा
तेरी पूजा तेरी सेवा सांझ सवेरा
हर सांस में हो सुमिरन तेरा

निर्मल माँ में तेरे दर पे काटू जिंदगानी
हे माँ कर दो मुझपे अपनी इतनी मेहरबानी
डाले रहू में तेरे चरणों में डेरा, यूँ बीत जाए जीवन मेरा
तेरी पूजा तेरी सेवा सांझ सवेरा

                                                             जय श्री माताजी 




चली सहज की नैय्या - दिनेश निम्बालकर


ओ चली सहज की नैय्या ...................................2
ओ मैय्या पार करा दो, पार करा दो
ओ चली सहज की नैय्या
चले सहजी दर तेरे मैया, ओ मैया पार करा दो, पार करा दो

तुम बिन कोई मेरा ना दुजा  ए श्री निर्मल माँ
देख लिया ये सब जग झूठा ए श्री निर्मल माँ
ज्ञान ध्यान की पूंजी दिया अब , जीवन सफल करा दो
ओ चली सहज की नैय्या

कण कण में माँ तू हे समाई, तू हे आदिशक्ति
तेरा दिया हे सब कुछ हमको तू हे महाशक्ति
अपने निर्मल वाणी से माँ, प्रेम का दीप जगा दो
ओ चली सहज की नैय्या

दिन दुखियो को, गम के भंवर से तूने पार उतारा
भटक रहे थे झूठे जग में तूने दिया सहारा
सहजी आये दर पर तेरे , अब तो दरस दिखा दो
ओ चली सहज की नैय्या
चले सहजी दर तेरे मैया, ओ मैया पार करा दो, पार करा दो
                                                            जय श्री माताजी 


बोलो शिव शिव शम्भू बम बम


बोलो शिव शिव शम्भू  बम बम बम ..................
अरे गाओ रे ये नाम हरदम, जब तक हे भाई दम में दम
बोलो शिव शिव

हे प्रलयंकर भीमयंकर हे प्रभुशंकर स्वामी
हे विश्वेश्वर हे परमेश्वर ईश्वर अन्तर्यामी
हे गुण हे उत्तम अनुपम , सारे जग के यही पिता परम
बोलो शिव शिव

शिव काम हे दया धाम हे शिव का नाम हे संयम
शिवजी हे मुक्ति शिवजी हे भक्ति शिवजी हे भक्ति का संगम
शिव महिमा मत समझो कम , मिट जाएगा दुनिया का गम
बोलो शिव शिव
                                           जय श्री माताजी 

भर दे ज्ञान से गगरिया - मुखीराम जी


भर दे ज्ञान से गगरिया, मेरी निर्मल माँ
मेरी निर्मल माँ -----------------2
भर दे ज्ञान से गगरिया

में बालक नादान ज्ञान का पान प्रेम से पीलू
लेकर तेरा नाम जगत में हर्षित मन से जी लू
तेरी प्यारी हे नगरिया मेरी निर्मल माँ.............मेरी निर्मल माँ
भर दे ज्ञान से गगरिया

मान की मूरत, ज्ञान की सूरत, अजब नेह दर्शाती
सोम तीर्थ सा जल आँखों में, अमृत सा बरसाती
इसमें बीते मेरी उमरिया मेरी निर्मल माँ.............मेरी निर्मल माँ
भर दे ज्ञान से गगरिया

अगन गगन जल पृथ्वी ऊपर, माँ की महिमा न्यारी
जीव लोक आनंद दायिनी सकल लोक हितकारी
न्यारी जग में  तेरी डगरिया मेरी निर्मल माँ.............मेरी निर्मल माँ
भर दे ज्ञान से गगरिया

भर्मित मन से मुर्खता में कितना समय बिताया
भटका राही सत पथ ग्राही तेरी शरण में आया
रंगी ली भक्ति में चुनरिया मेरी निर्मल माँ.............मेरी निर्मल माँ
भर दे ज्ञान से गगरिया
                                               जय श्री माताजी 


आया शुभ दिन हे आया


आया शुभ दिन हे आया, कैसा मंगल है छाया
जय हो गजानन तेरी, जय हो चतुरानन तेरी
आया शुभ दिन हे आया

आदिशक्ति की आँखों के तारे हो तुम,  तीनो लोको के देवो से न्यारे हो तुम
होके मूषक सवार, बेठे गौरी के द्वार, तेरी कृपा बिना कोई होता ना पार
डम डम डम डमरु बाजे, शिवजी के सब गण नाचे
जय हो गजानन तेरी, जय हो चतुरानन तेरी
आया शुभ दिन हे आया

जय हो निर्मल गणेश, देना बुद्धि विवेक, कर दो पावन हमें रिद्धि सिद्धि पति
निर्मल माँ के चरणों में रहे मेरा मन, ऐसा वरदान देना गणाधिपति
सब मिलकर मंगल गाओ, मोदक के थाल सजाओ
जय हो गजानन तेरी, जय हो चतुरानन तेरी
आया शुभ दिन हे आया


मूलाधार पे पावन बनाना हमें, निर्मल ज्ञान सहज का सिखाना हमें
जीजस बनके क्षमा तू सिखाना हमें, अपने जैसा चतुर ही बनाना हमें
सारे चक्रों पे आओ, कुण्डलिनी पार उठाओ
जय हो गजानन तेरी, जय हो चतुरानन तेरी
आया शुभ दिन हे आया


तेरी क्षमा मिमी तेरा आँचल मिल गया, ऐसा लागे माँ सारा जंहा मिल गया
मेरे सुने हदय का कमल खिल गया, तेरे उपकार से साक्षात्कार से
गणपति हे लाल तुम्हारे हम सबके भी हे प्यारे
जय हो गजानन तेरी, जय हो चतुरानन तेरी
आया शुभ दिन हे आया

                                                   जय श्री माताजी 

आओ जी आओ म्ह्रारे हदय - डॉ. राजेश युनिवर्स


आओ जी आओ म्ह्रारे हदय श्री माताजी -----------------------2
तुमको पुकारे आज सारे सहजी .........
आओ जी आओ म्ह्रारे हदय

ह्दय में माझी आप पधारे, सब सहजन का मान बढाए
गम की खाई आप मिटाए, आत्म ज्ञान हे आप दिलाये
तुमको पुकारे आज सारे सहजी .........
आओ जी आओ म्ह्रारे हदय

नाम तिहांरा मंगलकारी, महिमा हे तेरी सबसे ही न्यारी
कुण्डलिनी को  जागृत करके, सोई शक्ति जगा देत्ती हो
तुमको पुकारे आज सारे सहजी .........
आओ जी आओ म्ह्रारे हदय

आदिशक्ति तुम धरती पे आई माँ, सहज ज्ञान सबको सिखलाये माँ
जग अँधियारा मिटाने आई, मन में ज्योति जलादे माई
तुमको पुकारे आज सारे सहजी .........
आओ जी आओ म्ह्रारे हदय

                                             जय श्री माताजी

Friday, March 6, 2020

आना अम्बे माँ हमारे हदय - सिंपल शर्मा



आना अम्बे माँ हमारे हदय में,  हमारे हदय में , हमारे हदय में
आना अम्बे माँ हमारे हदय

आप भी आना संग गणपति को लाना-------------------२
लड्डूओ का भोग लगाना हदय में ----------------------२
आना अम्बे माँ हमारे हदय

आप भी आना संग शिवजी को लाना -------------------२
डमरू की नाद सुनाना हदय में-------------------------२
आना अम्बे माँ हमारे हदय

आप भी आना संग ब्रह्माजी को लाना--------------------२
आत्मज्ञान सुनाना हदय में --------------------------------२
आना अम्बे माँ हमारे हदय

आप भी आना संग विष्णु जी को लाना----------------२
प्रेम की ज्योत जलाना हदय में ----------------------२
आना अम्बे माँ हमारे हदय
                                                  जय श्री माताजी 

आज हे आज हे पूजन माँ का


आज हे आज हे पूजन माँ का, पाओ सखी री दर्शन माँ का
आज हे आज हे पूजन माँ का

निर्मल माँ का ध्यान धरे जो, तन मन धन से वो सुख पाता
पाओ सखी री दर्शन माँ का --------------------२
आज हे आज हे पूजन माँ का

अपना जीवन करले निर्मल, हो जा संत इस तू जन्म का
पाओ सखी री दर्शन माँ का --------------------२
आज हे आज हे पूजन माँ का

श्रदा से जो नाम ले माँ का, सच्चा योगी वो बन जाता
पाओ सखी री दर्शन माँ का --------------------२
आज हे आज हे पूजन माँ का

                                                  जय श्री माताजी 

भर दे इतनी भक्ति माँ


भर दे इतनी भक्ति माँ , मेरे अंग अंग में
जेसी राम के बजरंग में, माँ बजरंग में बजरंग में
भर दे इतनी भक्ति माँ

भर दे इतनी प्रीती माँ, जितना पानी सागर में
कमी नहीं होगी तो भी तनिक तेरे प्यार के आगर में
दर्पण हर पल देखू तेरे सत्संग में
सत्संग में
भर दे इतनी भक्ति माँ

भर दे हर इक बाग को माँ, प्यार के फूलो कलियों से
महक तेरी ही आएगी तब, सडको से, गलियों से
भर दे इतनी भक्ति माँ

लगन दे ऐसी माताजी , राधा को श्याम से
ऐसी श्रद्धा दे माताजी, जेसी शबरी को राम से
श्री राम से
भर दे इतनी भक्ति माँ
                                                          जय श्री माताजी 


वंदन करते माँ निर्मल का - दीपक वर्मा


वंदन करते माँ निर्मल का, माँ अपनी हे निर्मल ज्योति
माँ निर्मल ही सूर्य चन्द्रमा, माँ निर्मल ही सीप का मोती
वंदन करते माँ निर्मल का

नए प्रभात की नई किरण बन, कलियुग में हुआ माँ का आगमन
चंहुदिशी फेला प्रेम उजाला, लाई संग माँ प्रेम की ज्योति
माँ निर्मल ही सूर्य चन्द्रमा, माँ निर्मल ही सीप का मोती
वंदन करते माँ निर्मल का

माँ निर्मल के गीत में गाऊ, माँ की कृपा में खुद को पाऊ
केसे पाते आत्म तत्व को प्रगट न कर माँ निर्मल ज्योति
माँ निर्मल ही सूर्य चन्द्रमा, माँ निर्मल ही सीप का मोती
वंदन करते माँ निर्मल का
                                                    जय श्री माताजी 

तुझ्या पूजनी अर्चनी लीन व्हावे




तुझ्या पूजनी अर्चनी लीन व्हावे
तुझे निर्मला नाम आम्ही स्मरावे
तुझ्या पूजनी अर्चनी लीन व्हावे

तुझ्या दर्शनाला आम्ही रोज यावे,  तुझ्या मंदिरी गीत, आम्ही म्हणावे
तुझ्या कीर्तनी रात्री रंगुनी जावे , तुझे निर्मला नाम आम्ही स्मरावे
तुझ्या पूजनी अर्चनी लीन व्हावे 


आम्हाला विसावा प्रप्न्चामधे तू, आम्हा पाठीराखी भविष्यमधे तू 
तुझ्या चरणाचे आम्ही दास व्हावे, तुझे निर्मला नाम आम्ही स्मरावे 
तुझ्या पूजनी अर्चनी लीन व्हावे 

तुवा दाविला मुक्तीचा मार्ग आम्हा, तुवा दाविला भक्तीचा स्वर्ग आम्हा 
तुझ्या कीर्तीचे गोडवे नित्य गावे, तुझे निर्मला नाम आम्ही स्मरावे 
तुझ्या पूजनी अर्चनी लीन व्हावे 
                                                           जय श्री माताजी 

हांसत आली निर्मला आई - अरुण आप्टे



हांसत आली निर्मला आई, घालून पैंजण पायी आई

नवरतनाचा मुकुट शिरावर, कंठीशोभे मोतिहार
सुन्दर माझी निर्मला आई, घालून पैंजण पायी आई

जरीपदराचा कसुनी पीताम्बर, चोली ल्याली बूटेदार
सुन्दर माझी निर्मला आई, घालून पैंजण पायी आई

शिव ब्रह्मा विष्णु ही सारे, ध्याती निशदिन मुनिवर सारे
सुन्दर माझी निर्मला आई, घालून पैंजण पायी आई

सहजयोगी आम्ही अशी पाहिली, शरण तिजला सर्वही जाई
सुन्दर माझी निर्मला आई, घालून पैंजण पायी आई

                                             जय श्री माताजी 

निर्मल तेरे चरणों में - सिंपल शर्मा


निर्मल तेरे चरणों में बहती चैतन्य धारा
त्रिलोक की हो निर्मल त्रिलोक हे तुम्हरा
निर्मल तेरे चरणों में

ब्रह्मा तुम्हे मनाये, विष्णु तुम्हे धयाये
डमरू हे शिव बजाये,
किया विश्व का उधारा , निर्मल तेरे चरणों में

बिंदिया में गंगा बहती, बिंदिया से जमना  बहती
बिंदिया में सूर्य चंदा
देखे ब्रह्मांड सारा, निर्मल तेरे चरणों में

आये हे सहजी सारे, निर्मल तुम्हे पुकारे
चित्त में तुम्हे बिठाकर
ले मोक्ष का नजारा, निर्मल तेरे चरणों में
                                      जय श्री माताजी 

जिसमे सूरत श्री माँ की - सिंपल शर्मा


जिसमे सूरत श्री माँ की न आये नज़र, अब मुझे ऐसा दर्पण नहीं चाहिए
गंध जिसमे भरी हो अहंकार की, वो दिखावे का टिका नहीं चाहिए
जिसमे सूरत श्री माँ की

छोड़कर इस ज़माने की रंगीनीया, आ गया हु में माँ तेरे दरबार पर
सिर्फ भक्ति से मतलब हे मेरे लिए, कोई दुनिया का बंधन नहीं चाहिए
जिसमे सूरत श्री माँ की

में जहा भी तुम्हे देखू आओ नज़र, मेरी आँखों को बक्शो माँ वो रौशनी
सिर्फ इसके सिवा और कुछ भी नहीं, कोई जीवन का साधन नहीं चाहिए
जिसमे सूरत श्री माँ की

मेने दरबार में तेरे छु के चरण, फैसला कर लिया हे समझ सोचकर
सत्य की खाक मिल जाए मेरे लिए , झुटी दुनिया का कंचन नहीं चाहिए
जिसमे सूरत श्री माँ की

                                       जय श्री माताजी 

हे निर्मल माँ हे निर्मल माँ


हे निर्मल माँ हे निर्मल माँ
तेरा प्यार मोक्ष का आनंद हे माँ
हे निर्मल माँ हे निर्मल माँ

तू स्वर की देवी ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा हे हर गीत तुझसे
हम पार सहज में तेरी कृपा से
निर्मल विद्या का वरदान दे माँ
हे निर्मल माँ हे निर्मल माँ

देवो ने समझी हे मुनियों ने जानी
चैतन्य की भाषा पुराणों की बानी
साधक ये समझे मानव ये जाने
ये अनमोल घडिया ये अवतार तेरा
हे निर्मल माँ हे निर्मल माँ

तू आदिशक्ति सहस्त्रार विराजे
चैतन्य लुटाये सतयुग जगाये
विश्व की जननी तू महादेवी
तेरा पुत्र बनने की पात्रता दे माँ
हे निर्मल माँ हे निर्मल माँ 
                                                     जय श्री माताजी 


Thursday, March 5, 2020

बोलो आदिशक्ति श्री माताजी - सिंपल शर्मा


बोलो आदिशक्ति श्री माताजी श्री निर्मला देवी की जय
महालक्ष्मी, महासरस्वती महाकाली की जय
महालक्ष्मी की जय, महासरस्वती की जय, महाकाली की जय, जय जय
बोलो आदिशक्ति श्री माताजी

माँ भक्तिप्रिया, माँ निष्कामा, हे निर्गुण माँ निष्कामा माँ
सारा ब्रह्मांड हे जिसने रचा, निर्मल की जय
महालक्ष्मी, महासरस्वती, महाकाली की जय

माँ निष्कला, माँ निर्मदा, श्री माताजी निरन्तरा
ब्रह्मा विष्णु शिवशक्ति माँ, निर्मल की जय
महालक्ष्मी, महासरस्वती, महाकाली की जय

माँ निर्लेपा, निरंजना महादेवी माँ, हे महामना
सुखकर्ता माँ दुखहर्ता माँ कलकी की जय
महालक्ष्मी, महासरस्वती, महाकाली की जय

महामाया माँ जगजननी माँ, शुभकरनी माँ, दुखहरनी माँ
बोलो विश्वधारिणी, सहजदायिनी माँ की जय
महालक्ष्मी, महासरस्वती, महाकाली की जय
                                                            जय श्री माताजी 




माँ तेरे निर्मल प्रेम को


माँ तेरे निर्मल प्रेम को  मेरा शत शत प्रणाम
तुझको तेरा हर बच्चा प्यारा रावण हो या राम
माँ तेरे निर्मल प्रेम को

राम ने पाप निवारण करने पापी रावण को संहारा
रावणरूपी पाप तूने हटाकर हमारा राम संवारा
माँ तेरे निर्मल प्रेम को

पाप से घृणा पापी से प्यार हे ईसा की शिक्षा हे
प्यार से पापी को पुनीत कर दो ये तेरी दीक्षा हे
माँ तेरे निर्मल प्रेम को

राम रहीम श्याम शमीम दोनों ही तेरी आँखों के तारे
फिर ये जगत में भेद भाव केसा सब हे तेरे दुलारे
माँ तेरे निर्मल प्रेम को

तू प्यार का सागर माँ फिर भी मानव क्यों प्यासा हे
प्यासे जगत को प्यार से भर दो मेरी ये अभिलाषा हे
माँ तेरे निर्मल प्रेम को
                                                     जय श्री माताजी 

गणपति आयो रे - सिंपल शर्मा


गणपति आयो रे लाल घर गणपति आयो रे
भोला गए कैलाश, गौरा अशनान रचायो रे
गणपति आयो रे

चन्दन चोकी धस गौर ने मर्दन कीन्हा
तन का चेतन्य समेट बना एक पुतला दीन्हा
सुन्दर बालक दिव्य शक्ति से, जीवित कीन्हा गौरा माँ ने
वही गणेश कहाए, लाल घर गणपति आयो रे
गणपति आयो रे

किस लाडली ने तुझे जन्म दियो हे, 
किसने दियो उपदेश लाल घर गणपति आयो रे
गणपति आयो रे

मात गौर ने मुझे जन्म दियो हे 
भोला ने दियो उपदेश लाल घर गणपति आयो रे
गणपति आयो रे

गौरा माँ की तुम हो दुलारे, निर्मल माँ के बेटे प्यारे 
काट दो सारे कलेश लाल घर गणपति आयो रे
गणपति आयो रे
                                                    जय श्री माताजी 

सतगुरु पाए मोरे सब दुःख बिसरे - दीपक वर्मा



सतगुरु पाए मोरे सब दुःख बिसरे, अंतर के पट खुल गयो री

ज्ञान की आग जली घट भीतर, कोटि कर्म सब जल गयो री
पांच चोर लुटते रात दिन, आप ही आप में नस गयो री
सतगुरु पाए मोरे सब दुःख बिसरे

बिन दीपक मारे भया उजाला, तिमिर कहा जाने नस गयो री
त्रिवेणी से मारे धार बहत हे, अस्ठ कमल दल खिल गयो री
सतगुरु पाए मोरे सब दुःख बिसरे

अडसठ तीरथ हे घट भीतर, आपस में सब मिल गयो री
कहत कबीर सूना भाई साधो, ज्योत में ज्योति मिल गयो री
सतगुरु पाए मोरे सब दुःख बिसरे

                                                          जय श्री माताजी 

प्रेम मुदित मन से कहो



प्रेम मुदित मन से कहो , माता निर्मल नाम
श्री माता निर्मल नाम

पाप कटे दुःख मिटे लेट निर्मल नाम
भाव समुद्र सुखद नाव एक निर्मल नाम
श्री माता निर्मल नाम


परम शांति सुख निधान दिव्य निर्मल नाम
निराधार को आधार एक निर्मल नाम
श्री माता निर्मल नाम

महादेव सतत जपत दिव्य निर्मल नाम
संत हदय सदा बसत एक निर्मल नाम
श्री माता निर्मल नाम

माता पिता बंधू सखा सब ही निर्मल नाम
भक्त जन जीवन धन एक निर्मल नाम
श्री माता निर्मल नाम

                                                             जय श्री माताजी 

Wednesday, March 4, 2020

महामन्त्र - दीपक वर्मा


ॐ त्वमेव साक्षात श्री महालक्ष्मी महासरस्वती महाकाली त्रिगुणात्मिका कुंडलिनी साक्षात
श्री आदिशक्ति माताजी श्री निर्मला दैव्य नमो नमः

ॐ त्वमेव साक्षात श्री कलकी साक्षात श्री आदिशक्ति माताजी
श्री निर्मला दैव्य नमो नमः

ॐ त्वमेव साक्षात श्री कलकी साक्षात
श्री सहस्त्रार स्वामिनी मोक्षप्रदायिनी माताजी
श्री निर्मला दैव्य नमो नमः
                                                         

आदिशक्ति माताजी तेरे चरणों - सिंपल शर्मा

आदिशक्ति माताजी तेरे चरणों मे आया हु में
शाम सवेरे गुण तेरे गाऊँ तेरा ही साया हु में
श्री माँ तेरा ही साया हु में

तू आदिशक्ति सहस्त्रार विराजे हाथो में वीणा मुकुट सर पे साजे

तू ही भवानी तू महामाया तुज में ही सारा विश्व समाया

तू ही सदाशिव तू अंतर्यामी देवी देवों की तुम ही हो स्वामी

आदिशक्ति माताजी तेरे चरणों मे आया हु में
शाम सवेरे गुण तेरे गाऊँ तेरा ही साया हु में
श्री माँ तेरा ही साया हु में

                      जय श्री माताजी



सबको दुआ देना -सहज आरती

सबको दुआ देना माँ सबको दुआ देना
जय निर्मल माताजी ...................2
दिल में सदा रहना माँ सबको दुआ देना

जग में संकट कारण कितने लिए अवतार
विश्व मे तेरी महिमा, तू गंगा यमुना
माँ सबको दुआ देना

जो भी शरण मे आया सुख ही मिला उसको
बैठ के दिल मे ओ माँ, लौट के ना जाना
माँ सबको दुआ देना

मानव में अवतार के कर दिया उजियाला
कलियुग में माया है, फिर भी पहचाना
माँ सबको दुआ देना

संतजनों की धरती है भारतमाता 
इस धरती पर आकर, दुख से दूर करना
माँ सबको दुआ देना

जब दिल मे आये तब मधु संगीत सुन लो
होये सके जो सेवा , माँ हमसे करा लेना
माँ सबको दुआ देना

Sunday, March 1, 2020

आवाज उठाएंगे हम साज बजायेंगे


आवाज उठाएंगे हम साज बजायेंगे
हे माता महान अपनी यह गीत सुनायेंगे
आवाज उठाएंगे

चेतन्य बहे जहा तक माँ हे रूप तुम्हरा ही
हे निराकार फिर भी हे स्वरूप तुम्हरा ही
ये शक्ति रूप तुम्हरा हम सबको दिखायेंगे
हे माता महान अपनी यह गीत सुनायेंगे
आवाज उठाएंगे

अनमोल खजाना बन गया दिल तेरी मोहब्बत से
परवर्तित हर्षित बन गया यह तेरी उल्फत से
प्रतिभा की तेरी बाते हम सबको सुनायेंगे
हे माता महान अपनी यह गीत सुनायेंगे
आवाज उठाएंगे

                                               जय श्री माताजी 


सात जन्म जो पुन्य


सात जन्म जो पुन्य किये थे , सफल हुए सारे
इसीलिए माताजी हमको दर्शन हुए तुम्हारे
सात जन्म जो पुन्य

दुखियो का दुःख दूर करे तू माता निर्मला देवी
हम सबका उद्धार करे ततु शांति सुख की देवी
सब धर्मो को छोड़ चरण में आये शरण तिहारे
इसीलिए माताजी हमको दर्शन हुए तुम्हारे
सात जन्म जो पुन्य

अहं भाव को छोड़ के अपने शरण तिहारे आये
भवसागर के दुःख सुख से माँ तू ही पार कराये
ना आंधी हो ना हो तुफा संकट टल ही जाये
इसीलिए माताजी हमको दर्शन हुए तुम्हारे
सात जन्म जो पुन्य

कुंडलिनी को जागृत करके सब के पाप हरो
आशीर्वाद मंगल मय देकर पावन सबको करो
जन्म मरण के फेरे मिट गए खुल गए भाग हमारे
इसीलिए माताजी हमको दर्शन हुए तुम्हारे
सात जन्म जो पुन्य

                                                   जय श्री माताजी 



सहजी हमे बनाया - सिंपल शर्मा

सहजी हमे बनाया , ये करम नहीं तो क्या हे मेरा मर्तबा बढाया , ये करम नहीं तो क्या हे सहजी हमे बनाया मे गमो की धुप में जब तेरा नाम लेके न...